बच्चे के जन्म के समय उनकी आंखें ज्यादातर काली या भूरी नजर आती हैं और कई बार तो वे नीली भी होती हैं, लेकिन 3 से 9 महीने के बीच धीरे-धीरे उनकी आंखों का रंग बदलता जाता है।
By: Manohar pal
Jun 24, 202511:12 PM
बच्चे के जन्म के समय उनकी आंखें ज्यादातर काली या भूरी नजर आती हैं और कई बार तो वे नीली भी होती हैं, लेकिन 3 से 9 महीने के बीच धीरे-धीरे उनकी आंखों का रंग बदलता जाता है। कोई कहता है इसकी आंखों का रंग पापा जैसा है कोई कहता है मम्मा जैसा, लेकिन क्या आपको पता है जन्म के समय बच्चे की आंखें जिस रंग की होती हैं उम्र बढ़ने के साथ आंखों के रंग में बदलाव आ जाता है। ये कैसे और क्यों होता है, उसे जानना बड़ा ही दिलचस्प है। आइए जानते हैं, आखिर ऐसा क्यों हैं।
साइंस में छुपा है उनके आंखों के बदलते रंग का राज
आपकी आंखों का रंग आपकी आंखों की पुतलियों का रंग होता है। यह पुतलियों के आस-पास के मसल टिशूज होते हैं जोकि आंखों में जाने वाले प्रकाश की मात्रा को कंट्रोल करते हैं। जब बच्चा गर्भ में होता है तो उसे रोशनी नहीं मिलती, वहां अंधेरा होता है। लेकिन जब वे पैदा होते हैं तो पुतलियों में मौजूद सेल्स मेलानोसाइट्स रोशनी के संपर्क में आता है तो उससे पिग्मेंट या रंग बनता है।
बढ़ती उम्र के साथ गहरा होता जाता है रंग
जैसे-जैसे बच्चा धूप या रोशनी के संपर्क में आता है तो उनकी आंखों का रंग बदलने के साथ-साथ वह गहरा भी होता जाता है। डार्क रंग यानी ब्लैक या ब्राउन का मतलब है ज्यादा मेलानिन। यह पिग्मेंट हमारी स्किन, आंखों और बालों का रंग तय करता है। जिनकी आंखें नीली होती हैं उसका मतलब है कम मेलानिन का होना।
हो सकता है ताउम्र नीली न रहें आंखें
यह एक मिथ है कि सारे बच्चे नीली आंखों के साथ पैदा होते हैं। स्टडीज बताती हैं कि ज्यादातर बच्चे काले या भूरे रंग के आंखों के साथ पैदा होते हैं। यदि कोई बच्चा नीली आंखों के साथ पैदा हुआ है तो इसकी गारंटी नहीं है कि बड़े होने पर भी उसकी आंखें उसी रंग की रहें। यह बच्चे की जेनेक्टिक्स पर भी निर्भर करता है, यदि दोनों ही पेरेंट्स की आंखें भूरी हैं तो बच्चे की नीली कैसे हो सकती हैं। यदि परिवार में नाना, दादा में से किसी की आंखें नीली हुईं तो इसकी संभावना है कि बच्चे की आंखें नीली हों।
अगर अचानक बदल जाए रंग
आमतौर पर 3-9 महीने के बीच ही बच्चे की आंखों का रंग स्थिर हो जाता है, लेकिन कुछ बच्चों में तीन साल तक भी यह प्रक्रिया चलती रहती है। यदि बच्चे या बड़े की आंखों का रंग अचानक ही बदल जाए तो यह किसी बीमारी का लक्षण हो सकता है। ऐसे में किसी आॅप्थेल्मोलॉजिस्ट या आंखों के डॉक्टर को जरूर दिखाना चाहिए।