संसद से गुरुवार को आनलाइन गेमिंग संवर्धन एवं विनियमन विधेयक, 2025 पारित हो गया। इस बिल को बिना किसी बहस के हंगामे के बीच मंजूरी दी गई। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव की ओर से पेश किए गए इस विधेयक का उद्देश्य ई-स्पोर्ट्स और आनलाइन सोशल गेमिंग को बढ़ावा देते हुए सभी प्रकार के आॅनलाइन मनी गेम्स पर प्रतिबंध लगाना है।
By: Arvind Mishra
Aug 21, 20253:20 PM
संसद से गुरुवार को ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन एवं विनियमन विधेयक, 2025 पारित हो गया। इस बिल को बिना किसी बहस के हंगामे के बीच मंजूरी दी गई। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव की ओर से पेश किए गए इस विधेयक का उद्देश्य ई-स्पोर्ट्स और ऑनलाइन सोशल गेमिंग को बढ़ावा देते हुए सभी प्रकार के ऑनलाइन मनी गेम्स पर प्रतिबंध लगाना है। दरअसल, यह विधेयक बुधवार को लोकसभा और गुरुवार को राज्यसभा से पारित हो गया। इसमें ऑनलाइन मनी गेम्स से संबंधित विज्ञापनों पर भी रोक लगाने और बैंकों और वित्तीय संस्थाओं को ऐसे किसी भी गेम के लिए धन की सुविधा प्रदान करने या हस्तांतरण करने से रोकने का प्रावधान है। ऑनलाइन मनी गेम्स में पैसा जमा करके मौद्रिक और अन्य पुरस्कार जीतने की उम्मीद की जाती है।
संसद से पास किए गए बिल में पैसे के इस्तेमाल से खेली जाने वाले ऑनलाइन गेम्स पर पूर्ण प्रतिबंध की बात कही गई है। इन गेम्स के कारण बच्चों और युवाओं को इसकी लत लग जाती है। इसके अलावा उन्हें वित्तीय नुकसान भी होता और इस कारण आत्महत्याएं भी होती हैं। सरकार का अनुमान है कि 45 करोड़ लोग हर साल ऑनलाइन रियल मनी गेमिंग में करीब 20,000 करोड़ रुपए गंवाते हैं। सरकार ने महसूस किया है कि ऑनलाइन रियल मनी गेमिंग समाज के लिए एक बड़ी समस्या है और इसलिए केंद्र ने लोगों के लोगों की भलाई के लिए राजस्व हानि का जोखिम उठाने का भी फैसला किया है। एक मोटा अनुमान है कि हर साल 45 करोड़ लोग अपना पैसा गंवाते हैं। उन्हें इससे लगभग 20,000 करोड़ होने का कुल नुकसान होने का अनुमान है।
अब कानून का उल्लंघन करके ऑनलाइन मनी गेमिंग सेवाएं प्रदान करने वाले किसी भी व्यक्ति को तीन साल तक की कैद या 1 करोड़ रुपए तक का जुर्माना, या दोनों हो सकते हैं। ऐसी सेवाओं का विज्ञापन करने वालों को दो साल तक की जेल और/ या 50 लाख रुपए तक का जुर्माना हो सकता है। रीयल मनी गेम्स के लिए लेनदेन की सुविधा प्रदान करने वाले बैंक और वित्तीय संस्थान भी तीन साल तक की जेल या 1 करोड़ के जुर्माने सहित दंड के लिए उत्तरदायी होंगे। बार-बार अपराध करने पर कड़ी सजा का प्रावधान है। इसमें तीन से पांच साल की जेल और अधिक जुर्माना शामिल है।