मुख्यमंत्री ने प्रतिभाशाली विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना के तहत 94,234 मेधावी विद्यार्थियों को 25-25 हजार रुपए यानी कुल 235.58 करोड़ की राशि प्रदान की। इससे पहले वर्ष 2023-24 में 89,710 छात्रों को 224 करोड़ राशि दी गई थी।
By: Arvind Mishra
Jul 04, 20251 hour ago
भोपाल। स्टार समचार वेब
बच्चों! ये लैपटॉप कोई दिखावटी ट्रॉफी नहीं है, यह ज्ञान की असली कुंजी है। एक किताब, एक लैपटॉप और एक गुरु यही जीवन के सच्चे साथी हैं। एक बात सदैव याद रखना, यह केवल सम्मान नहीं, बल्कि भविष्य को आकार देने का एक औजार है। यह बात सीएम डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार को कही। दरअसल, भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में मेधावी विद्यार्थियों को लैपटॉप राशि वितरण का राज्य स्तरीय समारोह आयोजित किया गया था। जहां मुख्यमंत्री ने प्रतिभाशाली विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना के तहत 94,234 मेधावी विद्यार्थियों को 25-25 हजार रुपए यानी कुल 235.58 करोड़ की राशि प्रदान की। इससे पहले वर्ष 2023-24 में 89,710 छात्रों को 224 करोड़ राशि दी गई थी।वहीं समारोह के दौरान सीएम ने घोषणा करते हुए कहा कि बोर्ड परीक्षा में 75 फीसदी से अधिक अंक पाने वाले मेधावियों को अगल सत्र से लैपटॉप अब सरकार खुद खरीदकर देगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि कई बार देखा गया है कि छात्रों के परिवार लैपटॉप राशि को दूसरे कार्यों में खर्च कर देते है। ऐसे में हम कोशिश करेंगे कि अगले साल से सीधे अच्छी कंपनी के लैपटॉप दिए जाए। सीएम ने कहा कि इस बार 52 फीसदी लाभार्थी सरकारी स्कूलों से हैं, जबकि 48 प्रतिशत प्राइवेट स्कूलों से। यह पहली बार है जब सरकारी स्कूलों के बच्चों का प्रतिशत निजी स्कूलों से अधिक रहा है। यह उपलब्धि स्कूल शिक्षा विभाग, शिक्षकों और माता-पिता के संयुक्त प्रयास का परिणाम है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस साल योजना के लाभार्थियों में 60 फीसदी बेटियां हैं। 56,246 बेटियां और 37,988 बेटे। यह एक सकारात्मक संकेत है कि बेटियां न केवल बराबरी कर रही हैं, बल्कि पढ़ाई में आगे भी निकल रही हैं। अब बेटों को अपनी स्थिति मजबूत करनी होगी।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि राज्य सरकार ऐसे छात्रों की फीस भर रही है, जिन्हें प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में दाखिला मिल गया है लेकिन आर्थिक स्थिति कमजोर है। 80 लाख तक की मदद सरकार दे रही है। शर्त सिर्फ इतनी है कि वह बच्चा नीट क्वालिफाई करे और पढ़ाई के बाद 5 साल तक प्रदेश में सेवा करे।
वहीं समारोह के दौरान सीएम ने बच्चों से संवाद करते हुए एक सवाल उठाया तुम में से कोई यह क्यों नहीं कहता कि मैं नेता बनूंगा, चुनाव लड़ूंगा, देश की सेवा करूंगा। डॉक्टर, इंजीनियर, आईएएस बनना बहुत अच्छा है, लेकिन समाज को चलाने के लिए अच्छे नेताओं की भी जरूरत है। सुभाष चंद्र बोस का जिक्र करते हुए कहा- स्वाभिमान सबसे बड़ा बल है, नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने कउर जैसी बड़ी परीक्षा पास की थी, लेकिन उन्होंने उस डिग्री को फाड़कर फेंक दिया। कहा मैंने यह परीक्षा अंग्रेजों को बताने के लिए दी थी कि भारतीयों में बुद्धि की कोई कमी नहीं। ऐसा स्वाभिमान ही इस देश को आगे ले गया है।
कार्यक्रम में प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने कहा कि पहली बार शैक्षणिक सत्र की शुरुआत में ही किताबें, बैग और अब लैपटॉप भी समय पर दिए जा रहे हैं। पहले यह योजना केवल 500 विद्यार्थियों के लिए थी, आज 94,000 से अधिक छात्र इसका लाभ ले रहे हैं।
मंत्री विजय शाह ने बताया कि सीएम के मार्गदर्शन में पहली बार आदिवासी छात्रों के लिए जेईई, नीट, आईएएस और एनईटी जैसी परीक्षाओं की तैयारी के लिए फ्री छात्रावास, भोजन और कोचिंग की व्यवस्था की जा रही है।आजादी के बाद पहली बार आदिवासी बच्चे भी बड़े सपने देख सकते हैं और प्रशासनिक सेवाओं में भागीदारी कर सकते हैं।