मध्य प्रदेश में भाजपा ने निगम मंडलों में नियुक्तियों की प्रक्रिया तेज कर दी है। भोपाल में भाजपा अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल ने सीएम मोहन यादव से मुलाकात की है। यह बैठक निगम मंडलों में होने वाली नियुक्तियों से जुड़ी थी, जिसमें यह तय किया गया है, जिन्हें निगम मंडल में जगह मिलेगी उन्हें संगठन में जगह नहीं मिलेगी।
By: Arvind Mishra
Aug 21, 2025just now
भोपाल। स्टार समाचार वेब
मध्य प्रदेश में भाजपा ने निगम मंडलों में नियुक्तियों की प्रक्रिया तेज कर दी है। भोपाल में भाजपा अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल ने सीएम मोहन यादव से मुलाकात की है। यह बैठक निगम मंडलों में होने वाली नियुक्तियों से जुड़ी थी, जिसमें यह तय किया गया है, जिन्हें निगम मंडल में जगह मिलेगी उन्हें संगठन में जगह नहीं मिलेगी। संगठन में जगह पाने वाले को निगम मंडल में जगह नहीं दी जाएगी। यानि भाजपा ज्यादा से ज्यादा नेताओं को समायोजित करने के लिए एक पद एक फॉर्मूले पर ही काम करेगी। दरअसल, प्रदेश में लंबे समय से राजनीतिक पुनर्वास के लिए दौड़भाग कर रहे नेताओं के लिए जल्द ही खुशखबरी मिलने वाली है। प्रदेश के निगम, मंडल, और बोर्डों में नियुक्तियों को लेकर मंथन हो चुका है। बुधवार देर रात सीएम हाउस में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष हेमंत खंड़ेलवाल और प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा के बीच बैठक हुई। लंबे समय से भाजपा के संगठन में पदों पर काम कर रहे नेताओं के बजाए टीम हेमंत में नए चेहरों को मौका मिलेगा। या फिर जो पर्दे के पीछे रहकर महत्वपूर्ण काम करने वाले नेताओं को प्रदेश की टीम में जगह मिलेगी।
जिन नेताओं को निगम, मंडल, बोर्ड, प्राधिकरण में मंत्री का दर्जा देकर शामिल किया जाएगा। उन नेताओं को पार्टी के संगठन में पद नहीं दिए जाएंगे। ये कवायद एक व्यक्ति एक पद के फॉर्मुले को अमल में लाने की कोशिश होगी।
दावा किया जा रहा है कि अगस्त माह के अंतिम सप्ताह तक प्रदेश के सभी संगठनात्मक जिलों में भाजपा की जिला कार्यकारिणी घोषित कर दी जाएगी। जिलों में कार्यकारिणी गठन के लिए प्रदेश स्तर से पर्यवेक्षक भेजकर नाम प्रदेश स्तर तक मंगाए जा चुके हैं। इस बार जिला कार्यकारिणी में विधायकों और हारे हुए विधानसभा प्रत्याशियों की पसंद को भी महत्व दिया जाएगा।
गौरतलब है कि प्रदेश में 48 निगम, मंडल और प्राधिकरण हैं, जिनमें राजनीतिक नियुक्तियां की जाती हैं। अभी इनके चेयरमैन और डिप्टी चेयरमैन का प्रभार संबंधित विभाग के मंत्री, एसीएस या प्रमुख सचिवों के पास है।
प्रदेश के पांच पूर्व मंत्री ऐसे हैं जिनका निगम मंडलों में अध्यक्ष बनना तय है। इनमें कांग्रेस छोड़ भाजपा में आए पूर्व मंत्री रामनिवास रावत, उमाशंकर गुप्ता, अरविंद भदौरिया, कमल पटेल और अंचल सोनकर के नाम शामिल हैं। वहीं विधायकों में यशपाल सिसौदिया, ध्रुव नारायण सिंह, केके त्रिपाठी, राकेश गिरी और दिलीप शेखावत के नामों पर भी विचार किया गया हैं।