दिल्ली एनसीआई में इन दिनों वायु प्रदूषण अपने चरम पर है। कुछ जगहों पर तो एक्यूआई कई दिनों से 300 से 400 के बीच ही बना हुआ है। जाहिर है इस प्रदूषण का खराब असर हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है।
By: Manohar pal
Nov 17, 20256:11 PM
दिल्ली एनसीआई में इन दिनों वायु प्रदूषण अपने चरम पर है। कुछ जगहों पर तो एक्यूआई कई दिनों से 300 से 400 के बीच ही बना हुआ है। जाहिर है इस प्रदूषण का खराब असर हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है। खतरनाक स्तर का वायु प्रदूषण हमारी रोजमर्रा की आदतों के माध्यम से दबे पांव हमारे खून में जहर घोलने का काम कर रहा है। खासकर जब एक्यूआई का स्तर खतरनाक हो, तब हमारी कुछ लापरवाही भरी आदतें इस जोखिम को कई गुना बढ़ा देती हैं।
वातावरण में मौजूद PM2.5 जैसे अति सूक्ष्म कण न सिर्फ फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं, बल्कि श्वसन तंत्र से होते हुए सीधे ब्लड फ्लो में प्रवेश कर जाते हैं। ये कण खून में जाकर सूजन पैदा करते हैं, रक्त वाहिकाओं को संकीर्ण कर देते हैं और दिल के दौरे तथा स्ट्रोक के खतरे को कई गुना बढ़ा देते हैं।
इसलिए यह समझना जरूरी है कि प्रदूषित हवा के संपर्क में आने पर, आपकी कुछ आदतें इस प्रक्रिया को तेज कर सकती हैं और आपके स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकती हैं। इसलिए इन आदतों के बारे में जानना और उसे सुधारना जीवन रक्षा के लिए बहुत जरूरी है। आइए इस लेख में ऐसे ही कुछ आदतों के बारे में जानते हैं, जिसे सुधारकर आप अपने और अपने परिवार के स्वास्थ्य को सुरक्षित रख सकें।
हाई एक्यूआई में मॉर्निंग वॉक करना
जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 या उससे अधिक हो, तब भी बाहर मॉर्निंग वॉक करना या अधिक तिव्रता वाले व्यायाम करना आपके सेहत के लिए जोखिम भरा हो सकता है। व्यायाम के दौरान सांस लेने की दर बढ़ जाती है, जिससे फेफड़ों तक पहुंचने वाले प्रदूषकों (PM2.5) की मात्रा कई गुना बढ़ जाती है।
ये कण तेजी से ब्लड फ्लो में प्रवेश कर हृदय पर अनावश्यक तनाव डालते हैं। अधिक एक्यूआई में खूले वातावरण में व्यायाम करने से फेफड़ों में सूजन और खून के थक्के जमने का खतरा बढ़ जाता है।
बंद कमरे या घर के अंदर धूम्रपान करना
कई लोग यह सोचते हैं कि वे बाहर के प्रदूषण से बचने के लिए घर के अंदर हैं, लेकिन यदि वे घर के अंदर धूम्रपान करते हैं, तो वे अपनी और घर में रहने वाले अन्य लोगों की सेहत को भी दोगुना नुकसान पहुंचा रहे हैं। सिगरेट का धुआं PM2.5 और हानिकारक रसायनों का एक बड़ा स्रोत है। बंद कमरे में धूम्रपान करने से घर के अंदर का प्रदूषण स्तर कई गुना बढ़ जाता है, जिससे यह धुआं सीधे आपके खून में पहुंचकर रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाता है।
बाहर निकलते समय मास्क न पहनना
अधिक वायु गुणवत्ता सूचकांक वाले वातावरण में मास्क (विशेषकर N95 या N99) न पहनना भी एक बड़ी गलती है। जब हवा में PM2.5 जैसे महीन कणों का स्तर 300 या 400+ हो, तब ये कण नाक और गले के प्राकृतिक फिल्टर को भेदकर सीधे फेफड़ों में प्रवेश कर जाते हैं।
मास्क इन खतरनाक सूक्ष्म कणों को प्रभावी ढंग से फिल्टर करता है। बिना मास्क के बाहर निकलने पर, ये जहरीले कण सीधे रक्तप्रवाह में मिलकर रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे हृदय रोग और स्ट्रोक का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
इनडोर प्रदूषण बढ़ाने वाली चीजें जलाना
घर के अंदर प्रदूषण का स्तर बढ़ाने वाली चीजें, जैसे धूपबत्ती, मच्छर भगाने वाली कॉइल, या लकड़ी/कोयला जलाना भी आपके स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकता है। ये चीजें जलने पर कार्बन मोनोऑक्साइड और PM2.5 के महीन कण छोड़ती हैं, जो हवा को तेजी से प्रदूषित करते हैं। बंद जगहों पर इनका धुआं आसानी से बाहर नहीं निकल पाता और सांस के जरिए सीधे खून में प्रवेश कर जाता है, जिससे हृदय और श्वसन संबंधी रोग होने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।