यूनाइटेड नेशंस (यूएन) की टॉर्चर पर विशेष दूत एलिस जिल एडवर्ड्स ने पाकिस्तान सरकार से पूर्व पीएम इमरान खान की एकांत कैद और अमानवीय हिरासत की स्थिति तुरंत खत्म करने की मांग की है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यह हालात टॉर्चर या अमानवीय व्यवहार के बराबर हो सकते हैं।
By: Arvind Mishra
Dec 13, 202510:27 AM
इस्लामाबाद। स्टार समाचार वेब
यूनाइटेड नेशंस (यूएन) की टॉर्चर पर विशेष दूत एलिस जिल एडवर्ड्स ने पाकिस्तान सरकार से पूर्व पीएम इमरान खान की एकांत कैद और अमानवीय हिरासत की स्थिति तुरंत खत्म करने की मांग की है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यह हालात टॉर्चर या अमानवीय व्यवहार के बराबर हो सकते हैं। गौरतलब है कि 26 सितंबर 2023 से इमरान खान रावलपिंडी की अडियाला जेल में बंद हैं। उन्हें लंबे समय तक एकांत कैद में रखा जा रहा है। रोजाना 23 घंटे छोटी कोठरी में बंद रहते हैं। बाहर की दुनिया से संपर्क बहुत सीमित है। कोठरी में लगातार कैमरा निगरानी है। प्राकृतिक रोशनी और हवा की कमी है। गर्मी और सर्दी में तापमान बेहद खराब हो जाता है। हवा न आने से बदबू और कीड़े-मकोड़े हैं। इससे इमरान को उल्टी, मितली और वजन कम होने की शिकायत हुई है। बाहर घूमने की इजाजत नहीं है। दूसरे कैदियों से मिलने या सामूहिक नमाज में शामिल होने की अनुमति नहीं है। वकीलों और परिवार की मुलाकातें बार-बार रोकी या जल्दी खत्म की जाती है।
अंतरराष्ट्रीय मानकों का करो पालन
लंबी या अनिश्चित एकांत कैद अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून में प्रतिबंधित है। अगर एकांत कैद 15 दिन से ज्यादा चलती है, तो इसे मनोवैज्ञानिक टॉर्चर माना जाता है। एक्सपर्ट ने कहा-इमरान खान की एकांत कैद तुरंत खत्म की जाए। यह गैरकानूनी है और शारीरिक-मानसिक स्वास्थ्य को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती है। कैद में रहने वाले हर व्यक्ति को मानवीय और सम्मानजनक व्यवहार मिलना चाहिए। पाकिस्तान से अंतरराष्ट्रीय मानकों का पूरी तरह पालन करने को कहा गया है।
पाक सरकार ने साधी चुप्पी
यूएन विशेषज्ञ ने इमरान खान का मामला पाकिस्तान सरकार के सामने उठाया है। वह स्थिति पर नजर रखेंगी और आगे फॉलो-अप करेंगी। एलिस जिल एडवर्ड्स यूएन ह्यूमन राइट्स काउंसिल में नियुक्त स्वतंत्र विशेषज्ञ हैं। यह बयान इमरान खान की हिरासत पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ाता है। हालांकि, पाकिस्तान सरकार ने अभी कोई आधिकारिक जवाब नहीं दिया है।
अडियाला जेल में काट रहे सजा
पूर्व पीएम इमरान खान मुख्य रूप से कई भ्रष्टाचार के मामलों में दोषी ठहराए गए थे। सबसे बड़ी सजा जनवरी 2025 में अल-कादिर ट्रस्ट केस में मिली, जहां उन पर आरोप था कि प्रधानमंत्री रहते हुए एक रियल एस्टेट डेवलपर से जमीन रिश्वत के रूप में ली गई। इसके अलावा तोशाखाना केस में सरकारी तोहफे अवैध तरीके से बेचने, सिफर केस में राजकीय गोपनीय दस्तावेज लीक करने और इद्दत केस में अवैध शादी के आरोपों में भी सजाएं हुईं। इमरान और उनकी पार्टी पीटीआई इन सभी मामलों को राजनीतिक साजिश बताते हैं, जिसका मकसद उन्हें सत्ता से दूर रखना है। दिसंबर 2025 तक वह इन सजाओं के कारण जेल में हैं, हालांकि कुछ पुरानी सजाएं अपील में निलंबित हो चुकी हैं।