उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले ही भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी को बदलने जा रही है। संघ और भाजपा के बीच लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास पर समन्वय बैठक में रणनीति बन गई है। तीन घंटे चली बैठक में भाजपा के प्रदेश के नाम पर मंथन किया गया। दावा किया जा रहा है कि इसी सप्ताह भाजपा नए अध्यक्ष के नाम का ऐलान करेगी।
By: Arvind Mishra
Dec 02, 202511:04 AM
लखनऊ। स्टार समाचार वेब
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले ही भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी को बदलने जा रही है। संघ और भाजपा के बीच लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास पर समन्वय बैठक में रणनीति बन गई है। तीन घंटे चली बैठक में भाजपा के प्रदेश के नाम पर मंथन किया गया। दावा किया जा रहा है कि इसी सप्ताह भाजपा नए अध्यक्ष के नाम का ऐलान करेगी। दरअसल, यूपी के 75 जिले को भाजपा ने अपने संगठन स्तर पर 98 जिलों में बांट रखा है, जिसमें से 84 जिला अध्यक्ष हैं। ऐसे में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया पूरी हो गई है। इसीलिए संगठन महामंत्री ने समन्वय बैठक में संभावित अध्यक्ष के नाम को साझा किया। इस तरह संगठन में बदलाव की प्रक्रिया तेज होती दिख रही है और अब इसी सफ्ताह उत्तर प्रदेश बीजेपी को नया अध्यक्ष मिलने की उम्मीद है।
सत्ता-संगठन के तालमेल पर फोकस
दरअसल, सीएम योगी आदित्यनाथ के कालिदास मार्ग स्थित सरकारी आवास पर संघ, भाजपा और सरकार के बीच एक अहम बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में सरकार के कामकाज की रिपोर्ट ली गई। साथ ही सरकार और संगठन के बीच बेहतर तालमेल बनाए रखने पर जोर दिया गया।
बैठक में यह रहे मौजूद
बैठक में आरएसएस के सह सरकार्यवाह अरुण कुमार, भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष, प्रदेश संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह, प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक के साथ-साथ संघ के क्षेत्रीय प्रचारक भी उपस्थित रहे।
एसआईआर से माननीय की दूरी
बैठक में यूपी में चल रही एसआईआर प्रक्रिया प्रमुख चर्चा का विषय रहा। संघ के पदाधिकारियों ने यह मुद्दा उठाया कि भाजपा सांसद और विधायक एसआईआर प्रक्रिया से दूरी बना रहे हैं। उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा गया है कि सभी जनप्रतिनिधियों को इस पहल में सक्रिय रूप से शामिल होना चाहिए। लोगों को जागरूक करना चाहिए और जमीन पर उनकी मदद सुनिश्चित करनी चाहिए।
अब राम मंदिर के प्रचार-प्रसार की बारी
बैठक में यह भी तय किया गया कि इस साल अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद अब देशभर में इस व्यापक रूप से प्रचार प्रसार करने की योजना बनाई जाएगी, ताकि इसके सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व को बड़े स्तर पर लोगों तक पहुंचाया जा सके। आने वाले दिनों में संघ राम मंदिर के मुद्दे को और धार देगा। पंचायत चुनाव से लेकर विधानसभा चुनाव तक अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का वादा पूरा करने को भी संघ, सरकार और भाजपा बड़ी उपलब्धि के रूप में जनता के बीच रखा जाएगा।