कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने वोट चोरी के खिलाफ एक मुहिम छेड़ दी है। इसके लिए उन्होंने एक वेबसाइट लॉन्च की है और लोगों से चुनाव में चल रही कथित गड़बड़ी के खिलाफ कैंपेन में शामिल होने का आह्वान किया है। उन्होंने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा- वोट चोरी एक व्यक्ति, एक वोट के बुनियादी लोकतांत्रिक सिद्धांत पर हमला है।
By: Arvind Mishra
Aug 10, 202516 hours ago
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने वोट चोरी के खिलाफ एक मुहिम छेड़ दी है। इसके लिए उन्होंने एक वेबसाइट लॉन्च की है और लोगों से चुनाव में चल रही कथित गड़बड़ी के खिलाफ कैंपेन में शामिल होने का आह्वान किया है। उन्होंने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा- वोट चोरी एक व्यक्ति, एक वोट के बुनियादी लोकतांत्रिक सिद्धांत पर हमला है। दूसरी तरफ भाजपा प्रवक्ता अमित मालवीय ने चुनाव आयोग की राहुल गांधी से की गई अपील शेयर करके उनसे डिक्लेरेशन दाखिल करने की मांग की है। सांसद राहुल गांधी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर एक पोस्ट में कहा-स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों के लिए साफ-सुथरी मतदाता सूची अनिवार्य है। चुनाव आयोग से हमारी मांग साफ है - पारदर्शिता दिखाएं और डिजिटल मतदाता सूची सार्वजनिक करें, ताकि जनता और राजनीतिक दल उसका खुद आडिट कर सकें। आप भी हमारे साथ जुड़कर इस मांग का समर्थन करें या मिस्ड कॉल दें। कांग्रेस सांसद ने कहा-ये लड़ाई लोकतंत्र की रक्षा की है। राहुल गांधी के इस पोस्ट के बाद लोग उन्हें समर्थन देने की बात कह रहे हैं। पोस्ट के कमेंट बॉक्स में कई लोगों ने अपना समर्थन का सर्टिफिकेट भी शेयर किया है।
आयोग ने मांगी डिक्लेरेशन
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के आरोपों पर चुनाव आयोग ने उनसे इन आरोपों पर एक डिक्लेरेशन मांगी है। इसे भाजपा प्रवक्ता अमित मालवीय ने शेयर किया है। चुनाव आयोग की ही तर्ज पर उन्होंने कांग्रेस सांसद से अपना डिक्लेरेशन दाखिल करने की अपील की है। मालवीय ने अपने एक्स पोस्ट में लिखा-अगर राहुल गांधी अपनी विश्वसनीयता को महत्व देते हैं, तो उन्हें घोषणा/शपथ के तहत उन अयोग्य मतदाताओं के नाम प्रस्तुत करने होंगे जिनके बारे में उनका दावा है कि वे मतदाता सूची में हैं, जैसा कि मतदाता पंजीकरण नियम, 1960 के नियम 20(3)(बी) के तहत अनिवार्य है।
एसा आचरण लोकतंत्र के लिए हानिकारक
अमित मालवीय ने कहा-ऐसा न करने पर यह स्पष्ट हो जाएगा कि उनके पास कोई ठोस आधार नहीं है, और वे केवल राजनीतिक नाटक कर रहे थे - जिसका उद्देश्य तथ्यों को तोड़-मरोड़ना, जनता के मन में संदेह पैदा करना और स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार एक संवैधानिक संस्था को बदनाम करना था। ऐसा आचरण लापरवाही भरा और हमारे लोकतंत्र के लिए बेहद हानिकारक है।