भोपाल मेट्रो रेल सेवा का 20 दिसंबर को ऐतिहासिक शुभारंभ होने जा रहा है। जानें मेट्रो की रूट, स्टेशन, लागत और अत्याधुनिक सुविधाओं के बारे में विस्तृत जानकारी।
By: Star News
Dec 19, 20258:15 PM
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के लिए 20 दिसंबर 2025 का दिन स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज होने जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और केंद्रीय शहरी कार्य मंत्री श्री मनोहर लाल शाम 4 बजे कुशाभाऊ ठाकरे अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर से इस अत्याधुनिक मेट्रो रेल सेवा का औपचारिक शुभारंभ करेंगे। इसके पश्चात, दोनों नेता सुभाष नगर मेट्रो स्टेशन पहुंचकर ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे और स्वयं मेट्रो की सवारी कर इसकी सुविधाओं का अनुभव लेंगे। इस गरिमामयी अवसर पर नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय भी विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे।
भोपाल मेट्रो परियोजना शहर के शहरी बुनियादी ढांचे को पुनर्जीवित करने वाली एक महत्वाकांक्षी पहल है। कुल 30.8 किलोमीटर लंबी यह परियोजना न केवल यातायात के दबाव को कम करेगी, बल्कि पर्यावरण के अनुकूल परिवहन का विकल्प भी प्रदान करेगी। इस परियोजना में दो प्रमुख कॉरिडोर शामिल हैं: 16.74 किलोमीटर लंबी ऑरेंज लाइन और 14.16 किलोमीटर लंबी ब्लू लाइन। स्मार्ट और सुरक्षित यात्रा को बढ़ावा देने वाली यह मेट्रो सेवा भोपाल को एक आधुनिक और हरित राजधानी के रूप में वैश्विक पहचान दिलाने की दिशा में बड़ा कदम है।
सात किलोमीटर का सफर तय होगा
शुभारंभ के पहले चरण में ऑरेंज लाइन के 'प्रायोरिटी कॉरिडोर' को जनता के लिए खोला जा रहा है। लगभग 7 किलोमीटर लंबे इस खंड में 8 एलिवेटेड स्टेशन बनाए गए हैं, जो एम्स, अलकापुरी, डीआरएम ऑफिस, रानी कमलापति स्टेशन, एमपी नगर, बोर्ड ऑफिस चौराहा, केंद्रीय विद्यालय और सुभाष नगर जैसे व्यस्त क्षेत्रों को जोड़ते हैं। 10,033 करोड़ रुपये की कुल लागत वाली इस परियोजना में अकेले इस प्राथमिकता खंड पर 2,225 करोड़ रुपये व्यय किए गए हैं। अनुमान है कि इस कॉरिडोर से प्रतिदिन लगभग 3,000 यात्री लाभान्वित होंगे।
विश्व स्तरीय सुविधाओं से लैस
भोपाल मेट्रो अपनी विश्वस्तरीय सुविधाओं के लिए जानी जाएगी। यात्रियों की सुरक्षा के लिए इसमें AI-आधारित सीसीटीवी निगरानी और ग्रेड-4 सिग्नलिंग सिस्टम लगाया गया है। दिव्यांगजनों के लिए व्हीलचेयर और ब्रेल साइनेज की व्यवस्था की गई है, जबकि सभी स्टेशनों पर हाई-स्पीड लिफ्ट और एस्केलेटर मौजूद हैं। पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए मेट्रो में रीजेनेरेटिव ब्रेकिंग तकनीक और सोलर पावर का उपयोग किया गया है। पूरी तरह वातानुकूलित कोच, मोबाइल चार्जिंग पॉइंट्स और स्मार्ट सूचना प्रणाली यात्रियों के सफर को आरामदायक और आधुनिक बनाएगी।