जहांगीराबाद (भोपाल) के शुभम गोस्वामी ने प्यार के जाल और दबाव के बाद मुस्लिम धर्म त्यागकर गुफा मंदिर में हिंदू रीति-रिवाजों के साथ घर वापसी की। मंत्री विश्वास सारंग ने की थी मदद।
By: Ajay Tiwari
Dec 08, 20256:01 PM
भोपाल. स्टार समाचार वेब
राजधानी भोपाल के जहांगीराबाद क्षेत्र निवासी शुभम गोस्वामी ने सोमवार को धार्मिक अनुष्ठानों के साथ सनातन हिंदू धर्म में 'घर वापसी' कर ली। शुभम ने कुछ समय पहले एक मुस्लिम युवती के प्रेम जाल में फँसकर धर्म परिवर्तन कर लिया था। हालांकि, बाद में कथित धोखे, दबाव और धमकियों के चलते उन्होंने वापस हिंदू धर्म अपनाने का निर्णय लिया।
शुभम की वापसी की यह प्रक्रिया गुफा मंदिर में आचार्य रामप्रवेश दास देवाचार्य महाराज की उपस्थिति में संपन्न हुई। अनुष्ठान के दौरान हवन, उपनयन संस्कार, गुरुदीक्षा, मुंडन, गोपूजन और गंगाजल से शुद्धिकरण की सभी विधियाँ कराई गईं। इस महत्वपूर्ण अवसर पर मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग भी मौजूद रहे।
शुभम ने अपनी आपबीती सुनाते हुए आरोप लगाया कि धर्म परिवर्तन के बाद उन्हें 'अमन खान' नाम अपनाने को मजबूर किया गया था। उन्होंने बताया कि वह लगभग चार महीने तक इस्लामिक रीति-रिवाजों के अनुसार रहे—नॉन-वेज खाते थे, नमाज पढ़ते थे और मस्जिदों में रहते थे। शुभम के मुताबिक, 2022 के अंत में उनकी पहचान एक मुस्लिम युवती से हुई थी। बाद में उसके परिवार ने उन पर धर्म परिवर्तन के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया। धमकियाँ दी गईं कि अगर हिंदू धर्म नहीं छोड़ा तो उनके परिवार को नुकसान पहुँचाया जाएगा। इस दबाव के कारण उन्हें तीन साल तक अपने घर से दूर मुस्लिम मोहल्ले में रहना पड़ा, जिससे उनका परिवार से रिश्ता लगभग टूट गया था और नौकरी भी छूट गई थी।
शुभम गोस्वामी ने 29 नवंबर को मंत्री विश्वास सारंग के जनदर्शन में पहुँचकर अपनी पूरी कहानी बताई थी। मंत्री सारंग ने मीडिया को बताया कि युवक ने आरोप लगाया था कि उसे प्रेम-जाल में फंसाया गया, दबाव डालकर धर्म परिवर्तन कराया गया, गोमांस खिलाया गया और जमात में भेजा गया। मंत्री ने आश्वासन दिया कि शिकायत के आधार पर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तीन आरोपियों को जेल भेज दिया है। पुलिस कार्रवाई के बाद शुभम ने वापस हिंदू धर्म अपनाने का निर्णय लिया।
"अगर कोई व्यक्ति किसी कारणवश सनातन धर्म से दूर चला जाए, तो कंठी-तुलसी धारण, तिलक, गोपूजन, हवन आदि संस्कारों के माध्यम से पुनः लौटने की यह एक सामान्य प्रक्रिया है।"
रामप्रवेश दास देवाचार्य महाराज