बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए NDA ने किया सीट बंटवारे का ऐलान। जानें BJP, JDU, LJP (रामविलास), HAM और RLM को कितनी सीटें मिलीं। 2020 के मुकाबले क्या बदला।
By: Ajay Tiwari
Oct 12, 20256:41 PM
पटना:स्टार समाचार वेब.
बिहार विधानसभा चुनाव के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने अपनी सीट शेयरिंग की गुत्थी सुलझा ली है। इस बार NDA में शामिल दलों के बीच सीटों का बंटवारा 2020 के समीकरण से काफी अलग है, जिसमें चिराग पासवान की पार्टी को प्रमुखता मिली है और उपेंद्र कुशवाहा की नई पार्टी की एंट्री हुई है।
घोषणा के अनुसार, भारतीय जनता पार्टी (BJP) और जनता दल यूनाइटेड (JDU) दोनों ही 101-101 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेंगी, जो यह दर्शाता है कि गठबंधन में दोनों प्रमुख दल समान शक्ति के साथ मैदान में उतर रहे हैं।
नए और पुराने सहयोगियों का समीकरण:
लोजपा (रामविलास): चिराग पासवान के नेतृत्व वाली लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को 29 सीटें दी गई हैं, जो 2020 के चुनाव में अकेले लड़ने और JDU को चुनौती देने के बाद उनकी वापसी और बढ़ते महत्व को दर्शाती है।
अन्य सहयोगी: जीतन राम मांझी की हिंदुस्तान अवाम मोर्चा (HAM) और उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) दोनों को 6-6 सीटें मिली हैं।
2020 से बड़ा बदलाव:
2020 के विधानसभा चुनाव में JDU (115) और BJP (110) ने ज़्यादा सीटों पर चुनाव लड़ा था। इस बार, JDU ने अपने खाते की सीटें कम की हैं, जिससे सहयोगी दलों के लिए जगह बनी है।
गठबंधन की बदलती धुरी:
उपेंद्र कुशवाहा की वापसी: 2020 में राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP) के तहत महागठबंधन से अलग होकर चुनाव लड़ने वाले उपेंद्र कुशवाहा इस बार 'राष्ट्रीय लोक मोर्चा' बनाकर NDA का हिस्सा हैं।
वीआईपी की विदाई, महागठबंधन में एंट्री: मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी (VIP), जो 2020 में NDA का हिस्सा थी और 4 सीटें जीती थीं, अब महागठबंधन में शामिल हो गई है। सहनी खुद को डिप्टी CM उम्मीदवार बताकर अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं दिखा रहे हैं।
मांझी को स्थिरता: जीतन राम मांझी की HAM, जिसने 2020 में JDU के कोटे से 7 सीटें लेकर 4 पर जीत हासिल की थी, इस बार 6 सीटों पर NDA का समर्थन करेगी, जो गठबंधन में उनकी निरंतर भूमिका को दर्शाती है।
यह सीट बंटवारा स्पष्ट करता है कि NDA ने 2020 के चुनाव नतीजों (जिसमें BJP को JDU से ज़्यादा सीटें मिली थीं) और चिराग पासवान के प्रभाव को देखते हुए एक नया और संतुलित समीकरण बनाने की कोशिश की है, जिसका मुख्य लक्ष्य राज्य में जीत सुनिश्चित करना है।