केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बीमा क्षेत्र में FDI सीमा को 74% से बढ़ाकर 100% करने वाले विधेयक को हरी झंडी दे दी है। इस सुधार का उद्देश्य बाजार की पैठ बढ़ाना, पॉलिसीधारकों के हितों की रक्षा करना और 2047 तक 'सभी के लिए बीमा' का लक्ष्य प्राप्त करना है।
By: Ajay Tiwari
Dec 12, 20254:04 PM
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को बीमा क्षेत्र में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) की सीमा को 100 प्रतिशत तक बढ़ाने वाले विधेयक को मंजूरी दे दी है। यह एक महत्वपूर्ण कदम है जो देश के वित्तीय क्षेत्र में बड़े सुधार का संकेत देता है। सूत्रों के अनुसार, इस विधेयक को संसद के वर्तमान शीतकालीन सत्र (जो 19 दिसंबर को समाप्त होने वाला है) में पेश किए जाने की संभावना है।
इस विधेयक, जिसका शीर्षक 'बीमा कानून (संशोधन) विधेयक 2025' है, का मुख्य उद्देश्य बीमा क्षेत्र की पैठ को गहरा करना, विकास और वृद्धि को गति देना, तथा व्यापार करने में आसानी को बढ़ाना है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस वर्ष के बजट भाषण में ही नई पीढ़ी के वित्तीय क्षेत्र सुधारों के तहत विदेशी निवेश की मौजूदा सीमा 74 प्रतिशत से बढ़ाकर 100 प्रतिशत करने का प्रस्ताव रखा था। अब तक, बीमा क्षेत्र ने FDI के माध्यम से 82,000 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित किया है।
मुख्य प्रस्तावित संशोधन:
FDI सीमा वृद्धि: बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को 100 प्रतिशत तक बढ़ाना।
पूंजी और लाइसेंसिंग: चुकता पूंजी को कम करने और एक समग्र लाइसेंस की शुरुआत करना।
व्यापक विधायी प्रक्रिया: बीमा अधिनियम 1938 के साथ-साथ जीवन बीमा निगम अधिनियम 1956 और बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण अधिनियम 1999 में भी संशोधन किया जाएगा।
जीवन बीमा निगम (LIC) अधिनियम में किए गए संशोधनों में इसके बोर्ड को शाखा विस्तार और भर्ती जैसे महत्वपूर्ण परिचालन संबंधी निर्णय लेने का अधिकार देने का प्रस्ताव है। प्रस्तावित बदलाव मुख्य रूप से पॉलिसीधारकों के हितों को बढ़ावा देने और उनकी वित्तीय सुरक्षा बढ़ाने पर केंद्रित हैं। साथ ही, बीमा बाजार में अतिरिक्त खिलाड़ियों के प्रवेश को सुगम बनाने पर भी जोर दिया गया है, जिससे आर्थिक विकास और रोजगार सृजन को गति मिलेगी। इन सुधारों का अंतिम लक्ष्य बीमा उद्योग की कार्यकुशलता बढ़ाना, 'व्यापार करने में आसानी' लाना और बीमा की पहुंच को व्यापक बनाना है, ताकि 2047 तक 'सभी के लिए बीमा' के राष्ट्रीय लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके।