बिजली विभाग ने बैंकों की तर्ज पर उपभोक्ताओं की ई-केवायसी प्रक्रिया शुरू की है। मीटर वाचकों द्वारा आधार, समग्र आईडी और बैंक अकाउंट नंबर अपडेट किए जाएंगे। ई-केवायसी पूरी होने के बाद यूनिट आधारित सब्सिडी सीधे उपभोक्ताओं के बैंक खातों में ट्रांसफर होगी। 15 सितम्बर तक 87 हजार उपभोक्ताओं की ई-केवायसी का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
By: Star News
Aug 22, 202511 hours ago
हाइलाइट्स
सतना, स्टार समाचार वेब
बैंकों की तर्ज पर अब बिजली विभाग में भी उपभोक्ताओं की ई-केवायसी की जाएगी। इस कार्य के लिए मीटर वाचकों की ड्यूटी लगाई गई है। बताया गया कि सिटी डिवीजन अंतर्गत करीब 1 लाख बिजली उपभोक्ताओं की ई-केवायसी होना है। ई-केवायसी के जरिये बिजली बिल में समग्र आईडी, आधार नम्बर और एकाउंट नम्बर अपडेट किया जायेगा। विद्युत विभाग के अधिकारियों की मानें तो आगामी समय में ई-केवायसी के बाद यूनिट आधारित सब्सिडी राशि अब सीधे बिजली उपभोक्ता के खाते में ट्रांसफर की जाएगी एवं अन्य शासन की योजनाओं का लाभ भी मिलेगा।
15 सितम्बर तक 87 हजार बिजली उपभोक्ताओं का लक्ष्य
सिटी डिवीजन के कार्यपालन अभियंता नीलाभ श्रीवास्तव ने बताया कि शासन की योजनाओं का लाभ पाने के लिए बिजली उपभोक्ताओं को ई-केवायसी कराना होगा। शहर संभाग अंतर्गत 1 लाख कनेक्शनों को चिन्हित किया गया है। इनमे से करीब 13 हजार उपभोक्ताओं की ई-केवायसी अपडेट की जाचुकी है जबकि 87 हजार बिजली उपभोक्ताओं की ई-केवायसी अपडेट होना बांकी है। उन्होंने बताया कि सिटी डिवीजन में इस कार्य को पूरा करने के लिए 15 सितम्बर तक का समय दिया गया है। डीई के अनुसार आगामी समय में शासन द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी राशि उपभोक्ता के खाते में ट्रांसफर की जाएगी। इसके अलावा उपभोक्ताओं को बेहतर गुणवत्ता, बिलिंग प्रक्रिया में पारदर्शिता, सरकारी योजनाओं में डीबीटीएल सुविधा एवं समय से शिकायतों का समाधान भी के लिए भी ई-केवायसी करवाना अनिवार्य है।
मीटर वाचकों को मिला प्रशिक्षण
डीई ने बताया कि ई-केवायसी के कार्य के लिए कंपनी से अधिकृत मीटर वाचकों की ड्यूटी लगाई जाएगी। अधिकृत मीटर रीडर कंपनी फोटो आईडी से लैश होकर उपभोक्ताओं के घरों का दौरा करेंगे ताकि उपभोक्ताओं के साथ कोई जालसाजी या फ्राड न होने पाए। विभाग द्वारा हाल ही में इस सबंध में मीटर वाचकों को प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है कि उपभोक्ताओं से कैसे बात करके एकाउंट नम्बर की एंट्री करनी है। इसके साथ ही समग्र आईडी एवं आधार नम्बर भी अपडेट करना है। उपभोक्ताओं को यह भी बताना है कि यूनिट आधारित सब्सिडी और अन्य शासकीय योजनाओं के लिए ई-केवायसी की जा रही है।
ई-केवायसी क्यों जरूरी
विद्युत कंपनी के अधिकारी ने बताया कि ई-केवायसी की प्रक्रिया पुराने उपभोक्ताओं के लिए है। नए उपभोक्ताओं के कनेक्शन के समय ही ई-केवायसी करके ही मीटर लगाए जा रहे हैं। बिद्युत कंपनी द्वारा घरेलु उपभोक्ताओं को 150 यूनिट तक के बिल में अधिकतम 534 रुपए की सब्सिडी दी जाती है। 150 यूनिट से अधिक वाले बिल पर एवं कमर्शियल कनेक्शन वालों को सब्सिडी नहीं दी जाती। बताया गया कि अभी तक यह सब्सिडी राशि विद्युत वितरण कंपनी को ट्रांसफर की जाती थी। बिजली विभाग द्वारा इस राशि को उपभोक्ता के बिल में घटा दिया जाता था और शेष राशि उपभोक्ता बिल स्वरुप जमा करता था। आगामी समय में यह व्यवस्था बदलने वाली है अब यूनिट आधारित सब्सिडी डीबीटीएल के द्वारा उपभोक्ता के खाते में ट्रांसफर की जाएगी।
उपभोक्ता फ्रॉड और जालसाजी से बचें। अधिकृत मीटर रीडर को ही जानकारी दें। अगर उपभोक्ताओं को समस्या हो तो बिजली कार्यालय आकर भी ई-केवायसी करा सकते हैं। इस कार्य के लिए 15 सितमबर तक का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे में विभाग के कर्मी लगातार उपभोक्ताओं से संपर्क करेंगे।
नीलाभ श्रीवास्तव, डीई सिटी