रीवा की सहिजना नंबर 1 पंचायत में बड़ा भ्रष्टाचार उजागर। महिला सरपंच सुधा मिश्रा के फर्जी हस्ताक्षर कर सचिव और साथियों ने लाखों रुपये आहरित किए। नरेगा मजदूरी और तालाब निर्माण जैसे कार्यों में भी धांधली। शिकायत के बाद भी जांच अटकी, पुलिस ने केस दर्ज करने से इंकार किया।
By: Yogesh Patel
Sep 09, 202525 minutes ago
हाइलाइट्स
रीवा, स्टार समाचार वेब
पंचायतों में भ्रष्टाचार चरम पर है। ऐसा ही मामला सहिजना नंबर 1 का सामने आया है। यहां महिला सरपंच को पता ही नहीं चला और सचिव ने मिलकर लाखों का खेल कर दिया। महिला सरपंच का फर्जी हस्ताक्षर कर योजनाओं के नाम पर राशि आहरित कर ली। कई सालों से आहरण होता रहा। जब मामला प्रकाश में आया तो महिला सरपंच ने सीईओ से शिकायत की। सीईओ ने थाना को प्रकरण दर्ज करने के लिए पत्र लिखा लेकिन पुलिस ने हाथ खड़े कर दिए। पत्र वापस लौटाकर जांच प्रतिवेदन के साथ आवेदन मांग लिया है।
ग्राम पंचायत सहिजना नंबर 1 जनपद पंचायत रीवा की सरपंच सुधा मिश्रा निवासी ग्राम पतेरी हैं। उन्होंने एक शिकायत जुलाई में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रीवा और अनुविभागीय अधिकारी रीवा से की थी। शिकायत में उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायत में उनका फर्जी हस्ताक्षर कर पंचायत के रिकार्ड बिल बाउचर, राशि आहरण एवं सब राशि का आदान प्रदान जन्मेजय पिता रमागोविंद ने किया। जन्मेजय मिश्रा का मोबाइल नंबर 7049945831, 7566853315 सरपंच के नाम से दर्ज कराया गया है। राशि से जुड़े मैसेज इन्हीं नंबरों पर पहुंचता है। इसके कारण पंचायत में हुए भ्रष्टाचार की जानकारी सरपंच को हुई ही नहीं। महिला सरपंच ने शिकायत कर बताया कि उन्होंने किसी भी रिकार्ड में हस्ताक्षर नहंी किया। साथ ही उन्होंने रिकार्ड में दर्ज नंबरों को विलोपित कर उनका नंबर दर्ज करने की मांग की है। सीईओ से अब तक किए गए राशि आहरण और फर्जी हस्ताक्षर कर कराए गए कार्यों की जांच कराने और आपराधिक मामला पंजीबद्ध करने की मांग की। शिकायत करने के बाद सीईओ ने मामले की जांच कराने की जगह पल्ला झाड़ने की कोशिश की। महिला सरपंच को एक पत्र थाना प्रभारी गोविंदगढ़ के नाम से पकड़ा दिया गया। अब महिला सरंपच पुलिस थाना में मामला दर्ज कराने के लिए चक्कर काट रही है। सीईओ ने मामले की जांच नहीं कराई। पुलिस भी जांच रिपोर्ट और प्रतिवेदन के बिना प्रकरण दर्ज करने से हाथ खड़ा कर रही है। सीईओ के पत्र को भी कवरिंग लेटर के साथ वापस लौटा दिया गया है। साथ ही स्पष्ट कर दिया गया है कि पुलिस इस मामले की जांच नहीं करेगी। जांच विभाग कराए फिर प्रतिवेदन पर कार्रवाई की जाएगी।
लाखों रुपए आहरण करने का लगा है आरोप
आरोप है कि पिछले कई सालों से सरपंच के नाम से फर्जी हस्ताक्षर कर सचिव व अन्य दबंग मिलकर राशि का आहरण करते रहे। नरेगा का नदी तालाब का काम कराए बिना ही ही करीब 1 लाख 20 हजार रुपए , नरेगा की मजदूरी करीब 6 लाख रपुए आहरित कर लिया गया। सहिजना नंबर 1 में करीब 30 लाख तक के घोटाले की आशंका जताई जा रही है। यह सारा फर्जीवाड़ा फर्जी सिग्नेचर से किया गया है। इतना ही नहीं जिन्होंने फर्जीवाड़ा किया है। उन्होंने मनरेगा की राशि अपने रिश्तेदारों के खातों में भी मजदूर दिखाकर की है। ऐसा आरोप लगाया गया है। अब जांच के बाद ही सच सामने आएगा।
पुलिस मामले की जांच नहीं करेगी। जांच विभाग को कराना है। पिछले तीन साल से राशि आहरित हो रही है। इसमें सचिव सहित कैशियर और कई लोग होंगे। विभाग ने पत्र लिखा था। कवरिंग लेटर के साथ वापस भेज दिया गया है।
अरविंद सिंह राठौर, थाना प्रभारी, गोविंदगढ़ रीवा