छतरपुर जिले की जनसुनवाई में भड़ार और भितारिया गांव के किसानों ने कलेक्टर को शिकायत दी कि प्रशासन ग्रेनाइट कंपनियों को जबरन उनकी जमीन दे रहा है। किसानों ने बताया कि वे अपनी पैतृक भूमि खेती के लिए रखना चाहते हैं। इसी जनसुनवाई में रामजानकी मंदिर का रास्ता बंद करने, और जीवित व्यक्ति को मृत घोषित कर ज़मीन हथियाने की घटनाओं ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए।
By: Yogesh Patel
Jul 31, 20256:11 PM
हाइलाइट्स
छतरपुर, स्टार समाचार वेब
कलेक्टर पार्थ जैसवाल की अध्यक्षता में मंगलवार को जिला स्तरीय जनसुनवाई का आयोजन जनपद कार्यालय लवकुशनगर में किया गया। जिला प्रशासन का यह नवाचार आमजन की सुविधा के दृष्टिगत शुरू किया गया है इसी जनसुनवाई में ग्राम भड़ार से तीन दर्जन से अधिक किसानों ने कलेक्टर को अपनी पीड़ा बताई उन्होंनो कहा कि ग्रेनाइट कंपनी अविनि परिधि व डीजी ग्रेनाइट के पक्ष में प्रशासन जबरन किसानों की भूमि अधिग्रहण कर रहा है जबकि किसान उक्त जमीन को देना नही चाहते वे पैतृक जमीन खेती करना चाहते है किसानों ने बताया कि भितारिया मौजे के खसरा नंबर 431 में 8.715 हैक्टेयर में नियम विरुद्ध तरीके से लीज स्वीकृत है इसी प्रकार भितारिया गांव से ग्रामीणों ने बताया कि रामजानकी मंदिर के पहुचने वाले रास्ते को दबंगो द्वारा बंद कर देने से ग्रामीण भगवान के दर्शन करने नही पहुच पा रहे है एक अन्य मामले में चंदला तहसील के अंतर्गत बछौन गांव के रहने वाले सौखी लाल अहिरवार का सचिव द्वारा 10 जुलाई 2007 को मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया था उसे शासन से मिली जमीन को देवीदीन अहिरवार के नाम दर्ज कर दी गई वह आज भी जीवित होने का साक्ष्य देने कार्यालयों के चक्कर काट रहा है पीड़ित जनसुनवाई में भी पहुचा और शिकायत की।
274 आवेदनों पर हुई सुनवाई, निराकरण के दिए निर्देश
कलेक्टर पार्थ जैसवाल ने जनसुनवाई में 274 शिकायती आवेदनों की सुनवाई की गई और जिला अधिकारियों को प्राप्त शिकायती आवेदनों का प्राथमिकता से निराकरण करने के निर्देश दिए। इस दौरान जिला पंचायत सीईओ तपस्या परिहार, एसडीएम राकेश शुक्ला, एसडीओपी नवीन दुबे सहित जिला अधिकारी उपस्थित रहे। कलेक्टर ने जनसुनवाई में अनुपस्थित अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। जनसुनवाई में राजस्व विभाग से संबंधित 155 आवेदन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के 34, शिक्षा विभाग के 27, विद्युत के 11, पुलिस विभाग के 15, वन विभाग के 10, नगरीय निकाय के 4, महिला एवं बाल विकास के 4, डब्ल्यूआरडी के 3, खाद्य, सामाजिक न्याय एवं पीएमजेएसवाई के 2-2 एवं अन्य के 1-1 शिकायती आवेदन प्राप्त हुए। आवेदनों का अवलोकन कर कलेक्टर ने अधिकारियों को प्राथमिकता से निराकरण करने के निर्देश दिए।