ग्वालियर के तानसेन रोड स्थित ऐतिहासिक नैरोगेज म्यूजियम के रेनोवेशन और विस्तार की तैयारी। रेलवे बोर्ड की एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर हेरिटेज आशिमा मेहरोत्रा ने किया निरीक्षण, नागपुर म्यूजियम की तर्ज पर विकसित करने, टॉय ट्रेन और डिजिटल प्रदर्शन की योजना।
By: Ajay Tiwari
Oct 11, 20256:45 PM
ग्वालियर में तानसेन रोड स्थित पुराने एरिया मैनेजर कार्यालय में स्थापित नैरोगेज म्यूजियम को अब भव्य स्वरूप प्रदान किया जाएगा। हाल ही में, रेलवे बोर्ड की एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर हेरिटेज आशिमा मेहरोत्रा और डिप्टी डायरेक्टर हेरिटेज राजेश कुमार ने इस ऐतिहासिक स्थल का निरीक्षण किया।
इस म्यूजियम को संवारने की मांग पिछले दिनों केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने निरीक्षण के दौरान की थी, वहीं भाजपा नेता सुधीर गुप्ता ने भी रेलवे बोर्ड के चेयरमैन सतीश कुमार को ज्ञापन सौंपकर इसे नागपुर नैरोगेज म्यूजियम की तर्ज पर विकसित करने की मांग की थी।
निरीक्षण के दौरान एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर आशिमा मेहरोत्रा ने नैरोगेज हेरिटेज संग्रहालय के साथ ही लोको शेड का जायजा लिया और बताया कि इस हेरिटेज बिल्डिंग को तत्काल रेनोवेशन की आवश्यकता है।
संग्रहालय का होगा विस्तार
संग्रहालय के रूप में विकसित करने की योजना के तहत, बिल्डिंग में चल रहे एडीईएन, एडीईई और एसीएम ऑफिस को दूसरी जगह शिफ्ट किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, हेरिटेज बिल्डिंग के पास के जर्जर क्वार्टरों को हटाकर म्यूजियम का विस्तार किया जाएगा। यह विस्तार नागपुर नैरोगेज हेरिटेज म्यूजियम की तर्ज पर एक पर्यटक स्थल के रूप में होगा। योजना में बच्चों के लिए टॉय ट्रेन चलाने का विकल्प भी शामिल है। सिंधिया स्टेट के हेरिटेज सैलून कोच, इंजन और नैरोगेज ट्रेन से संबंधित सभी ऐतिहासिक उपकरणों को यहां शोकेस किया जाएगा। संग्रहालय को ऐतिहासिक रूप देने के लिए डिजिटल स्क्रीन और ऑडियो विजुअल के माध्यम से नैरोगेज ट्रेन का इतिहास दिखाया जाएगा। साथ ही, यहां एक फोटो गैलरी और कैफेटेरिया का निर्माण भी प्रस्तावित है। बता दें कि सिंधिया स्टेट के दौर में 1885 में निर्मित यह नैरोगेज म्यूजियम ऐतिहासिक महत्व रखता है।
यह मौजूद रहे
इस अवसर पर प्रयागराज से मुख्य चल शक्ति अभियंता आरडी मौर्य, एडीआरएम नंदीश शुक्ला, सीडब्लूएम शिवाजी कदम, सीनियर डीएमई गौरव यादव, एडीईएन अजीत मिश्रा, स्टेशन डायरेक्टर वीके भारद्वाज और प्रयागराज व झांसी के अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।