रीवा स्वास्थ्य विभाग में एचबीएनसी मद में लाखों का घोटाला उजागर हुआ है। संविदा डीसीएम राघवेन्द्र मिश्रा पर आशा-ऊषा कार्यकर्ताओं से वसूली और बजट हेरफेर का आरोप है। शिकायत के बाद भोपाल से जांच आदेश आए, लेकिन जेडी हेल्थ ऑफिस ने फाइल दबा दी। सीएमएचओ ने भी मिशन संचालक को पत्र लिखकर डीसीएम को हटाने की सिफारिश की थी।
By: Yogesh Patel
Sep 08, 20258 hours ago
हाइलाइट्स
रीवा, स्टार समाचार वेब
स्वास्थ्य विभाग में अब एचबीएनसी के नाम पर लाखों का घोटाला किया गया है। डीसीएम राघवेन्द्र पर इसका आरोप है। शिकायत अवर मुख्य सचिव स्वास्थ्य विभाग तक से की गई। जांच के आदेश भी आये, लेकिन जेडी हेल्थ ने इस आदेश को ही दबा दिया। ऐसे में महीनों बीतने के बाद भी जांच नहीं हो सकी। जबकि डीसीएस बेपरवाह होकर अपने कारनामों को अंजाम दिये जा रहे हैं।
ज्ञात हो कि संविदा डीसीएम राघवेन्द्र मिश्रा पर लाखों रुपए के एचबीएनसी घोटाला एवं भ्रष्टाचार करने का आरोप आशा ऊषा और सहयोगिनी संघ ने लगाया था। इसकी शिकायत संघ द्वारा अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य से की गई थी। डीसीएम पर आशा ऊषा कार्यकर्ताओं से अवैध वसूली करने का भी आरोप लगा था। यह भी आरोप लगाए गए थे कि डिलीवरी के बाद जन्म लेने वाले बच्चों की सात बार भ्रमण करने के उपरांत जो पैसा आशा कार्यकर्ता को मिलता है उसमें 50 प्रतिशत वसूली करते हैं। शिकायत के बाद राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने मामले की जांच के आदेश जेडी स्वास्थ्य सेवाएं को दिया था। जांच के आदेश को महीनों हो गए लेकिन, अब तक इसमें कोई कार्रवाई नहीं हुई। जेडी ऑफिस में ही फाइल दबकर रह गई है।
वर्ष 2021-22 में आवंटित बजट में किया था हेरफेर
डीसीएम पर लाखों के वारे न्यारे का आरोप है। वर्ष 2021-22 में गंगेव 1250000 रुपए, हनुमना में 842250 रुपए, जवा 983750 रुपए, मऊगंज 48500 रुपए, नईगढ़ी 624250 रुपए, रायपुर कर्चुलियान 797750 रुपए, गोविंदगढ़ 582350 रुपए, सिरमौर 949750 तथा त्योंथर में 664250 रुपए का घोटाला किया गया। इसी प्रकार से अप्रैल 2022 से 24 सितम्बर 22 तक गंगेव में 516000, हनुमना 286500, जवा 319000, मऊगंज 217500, नईगढ़ी 181750, रायपुर कर्चुलियान 322750, गोविंदगढ़ 241750, सिरमौर 389250 तथा त्योंथर में 281250 रुपए आवंटित किये गये थे। जिसमें गोलमाल करने का डीसीएम राघवेन्द्र मिश्रा पर आरोप लगाया गया था।
तत्कालीन सीएमएचओ ने हटाने के लिए लिखा था पत्र
तत्कालीन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बीएल मिश्रा ने मिशन संचालक एनएचएम भोपाल को पत्र लिखकर डीसीएम राघवेन्द्र मिश्रा के कार्यकलापों पर प्रश्न चिन्ह खड़ा किया था। उन्हें अन्यत्र स्थानांतरित किए जाने का लेख किया था। पत्र में कहा गया था कि राघवेन्द्र मिश्रा संविदा डीसीएम हैं। वह दायित्वों का निर्वहन नहीं करते। विकासखंडों के बीसीएम से सांठगांठ कर आशा, आशा सुपरवाइजर के चयन में लेनदेन करते हैं। मातृ शिशु स्वास्थ्य की जानकारी व अन्य जानकारी प्रदान करने व समीक्षा करने में रुचि नहीं लेते। पोर्टल में इंट्री नहीं हो पाती। समय पर कार्यालय नहीं आते।