सीधी जिले में नापतौल विभाग की लापरवाही से उपभोक्ता लगातार कम वजन की ठगी के शिकार हो रहे हैं। सब्जी, फल, पेट्रोल पंप से लेकर किराना दुकानों तक ईंट-पत्थरों और गलत बाट-तराजू का प्रयोग खुलेआम हो रहा है। विभागीय निष्क्रियता के चलते दुकानदार मनमानी कर रहे हैं और ग्राहकों को सही तौल नहीं मिल रहा। आमजन ने मांग की है कि नियमित जांच और कड़ी कार्रवाई से इस गोरखधंधे पर रोक लगाई जाए।
By: Yogesh Patel
Sep 08, 20258 hours ago
हाइलाइट्स
सीधी, स्टार समाचार वेब
जिले में नापतौल विभाग की निष्क्रियता से ग्राहकों को कम वजन से ही संतोष करना पड़ रहा है। शहर सहित गांव की दुकानों में ईंट-पत्थर के बटखरे का भी इस्तेमाल हो रहा है। यहां नापतौल विभाग की उदासीनता से धीरे-धीरे कारोबार में कम नापतौल की समस्या बढ़ती जा रही है। विभाग की स्थिति का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि यहां सालों साल कई दुकानदारों के बाट तराजू की जांच नहीं होती। जिससे एक ओर जहां दुकानदारों की चांदी कट रही है वहीं वस्तुओं का कम वजन करने से ग्राहक लुट रहे हैं।
बता दें कि शहर में पेट्रोल पंप, हार्डवेयर, किराना, फल, सब्जी सहित अन्य तरह की वस्तुओं की खरीदी के समय ग्राहकों के हावभाव देखकर दुकानदार बटखरे का चयन करते पेट्रोल पंप पर लेने पहुंचे ग्राहकों कम मात्रा में पेट्रोल या डीजल दिया जाता है, वाहन चालकों को तेल लेते समय जानकारी नहीं मिल पाती मगर वाहनों को सफर में ले जाते समय इसकी कमी की जानकारी प्राप्त होती है और उन्हें परेशानी का सामना भी करना पड़ता है।
सब्जी एवं फल विक्रेताओं द्वारा सर्वाधिक लापरवाही
शहर के कुछ सब्जी एवं फल विक्रेता बाट की जगह ईट-पत्थर का इस्तेमाल करते हैं। नाराजगी जताने पर दुकानदार दो टूक में कहते हुए चलता कर देता है कि जहां सही तौल मिले वहीं जाकर सब्जी ले लो। सबसे ज्यादा परेशानी सब्जी वालों को लेकर होती है। कभी सही वजन नहीं देते। मीट-मछली विक्रेताओं के यहां भी गड़बड़झाला है। एक तो महंगाई ऊपर से चीजों के वजन में कमी से काफी नुकसान होता है। मिठाई के साथ डिब्बे या किसी थैले का वजन नहीं तौला जाना चाहिए फिर भी शहर के चाय नास्ता के होटलों में यह सब खुलेआम चल रहा है। यदि यह हालत शहर की है गांव में क्या स्थिति होगी समझा जा सकता है। वैसे तो विभाग द्वारा जिले के विभिन्न क्षेत्रों में कैंप लगाकर कांटा-बाट का सत्यापन करते हैं। गड़बड़ी पाए जाने पर कार्रवाई भी होती है, मगर वास्तव में यह धरातल पर कहीं दिखती नहीं। जिसकी वजह से दुकानदार कम तौल करके खुले आम ग्राहकों को लूटने में नापतौल विभाग का काम कि वो वस्तुओं के तौल में इस्तेमाल किए जा रहे उपकरणों की नियमित रूप से जांच करें।
कम वजन देने वाले दुकानदारों पर मामला दर्ज कर कार्रवाई करें
ग्राहकों को सही वजन व मात्रा मिले ये जिम्मेदारी नापतौल विभाग की है। लोहे के बाट व इलेक्ट्रॉनिक मशीन की नियमित जांच और लाइसेंस का नवीनीकरण जरूरी है। सीधी जिले में नापतौल विभाग की लापरवाही सदैव से जारी रही है, कभी कभार कुछ दुकानदारों के किलोवाट का प्रमाणीकरण विभाग द्वारा अपने ऑफिस में ही बुलाकर कर दिया जाता है या तो फिर वो जब दुकानों में जाते हैं तो फॉर्मेलिटी के नाम पर कुछ कार्यवाही करके मामले को रफा दफा कर देते हैं। सीधी जिले के आमजन ने मांग की है कि समस्त दुकानदारों के तराजू किलो, वाट की विधिवत जांच समय-समय पर की जाए जिससे उपभोक्ता ऐसे छल कपट करने वाली दुकानदारों से लूटने से बच सकें।