आयकर विभाग ने गलत कटौती का दावा करने वाले टैक्सपेयर्स के लिए 'NUDGE' अभियान शुरू किया है। 15 लाख से अधिक लोग भर चुके हैं अपडेटेड ITR। जानें 31 दिसंबर की डेडलाइन और CBDT की कार्रवाई
By: Ajay Tiwari
Dec 27, 20255:46 PM
बिजनेस डेस्क. स्टार समाचार वेब
आयकर विभाग ने चालू आकलन वर्ष 2025-26 के लिए टैक्सपेयर्स को एक बड़ी चेतावनी और अवसर दोनों दिए हैं। विभाग ने मंगलवार को साझा किए गए आंकड़ों में बताया कि अब तक 15 लाख से अधिक करदाताओं ने अपना अपडेटेड इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल कर दिया है। इसके साथ ही, विभाग ने हाल ही में ‘NUDGE’ नामक एक विशेष अभियान शुरू किया है, जिसका उद्देश्य उन करदाताओं को सचेत करना है जिन्होंने अपने रिटर्न में संदिग्ध या गलत कटौतियों (Deductions) का दावा किया है।
आयकर विभाग के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में अब तक 21 लाख से अधिक करदाताओं ने अपने पिछले रिटर्न में सुधार किया है, जिसके माध्यम से सरकारी खजाने में 2,500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त टैक्स जमा हुआ है। विभाग उन करदाताओं को ईमेल और एसएमएस के जरिए सलाह भेज रहा है, जिन्होंने गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों या कुछ संदिग्ध धर्मार्थ संस्थाओं को दिए गए दान के नाम पर गलत टैक्स छूट मांगी है। डेटा विश्लेषण (Data Analysis) में यह बात सामने आई है कि कई ऐसी संस्थाएं, जिन्हें चंदा देना दिखाया गया है, वे अपने पंजीकृत पते पर मौजूद ही नहीं हैं या किसी भी राजनीतिक गतिविधि में सक्रिय नहीं हैं।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने स्पष्ट किया है कि करदाता अपने दावों को फिर से चेक कर लें। यदि अनजाने में या गलत जानकारी के आधार पर कटौती का दावा किया गया है, तो 31 दिसंबर 2025 तक अपडेटेड रिटर्न दाखिल कर दंड (Penalty) और कानूनी जांच से बचा जा सकता है। विभाग ने यह भी साफ किया है कि जो करदाता कानून के दायरे में रहकर सही कटौती या छूट का दावा कर रहे हैं, उन्हें घबराने या किसी भी तरह की कार्रवाई की आवश्यकता नहीं है। 31 दिसंबर के बाद रिटर्न में बदलाव करने की प्रक्रिया और अधिक जटिल हो सकती है।
CBDT की जांच में पता चला है कि कुछ गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल और चैरिटेबल ट्रस्ट केवल कागजों पर चल रहे हैं। ये संस्थाएं हवाला लेनदेन, विदेशों में धन भेजने और फर्जी रसीदें जारी करने जैसे अवैध कार्यों में लिप्त पाई गई हैं। टैक्स चोरी के इस संगठित ढांचे को तोड़ने के लिए विभाग ने डिजिटल निगरानी बढ़ा दी है। विभाग की अपील है कि करदाता राष्ट्र निर्माण में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें और पारदर्शी तरीके से अपने कर दायित्वों का निर्वहन करें।