महाकालेश्वर की श्रावण-भाद्रपद मास की पंचम सवारी कल सोमवार को निकलेगी। इस सवारी में भगवान अलग-अलग रूपों में दर्शन देंगे, जिसमें श्री चंद्रमौलेश्वर, मनमहेश, शिवतांडव, उमा-महेश और होल्कर स्टेट के मुखारविंद शामिल होंगे। 4 जनजातीय नृत्य दल इस भव्य शोभायात्रा को और आकर्षक बनाएंगे। लाइव प्रसारण और चलित रथ की सुविधा भी होगी, जिससे भक्त आसानी से दर्शन कर सकेंगे।
By: Ajay Tiwari
श्रावण/भाद्रपद मास की श्री महाकालेश्वर भगवान की सवारी के क्रम में, पांचवीं सवारी कल सोमवार को निकाली जाएगी। इस दौरान भक्तों को भगवान के अलग-अलग और भव्य स्वरूपों के दर्शन करने का सौभाग्य मिलेगा। पालकी में श्री चंद्रमौलेश्वर, गजराज पर श्री मनमहेश, गरुड़ रथ पर श्री शिवतांडव, नंदी रथ पर श्री उमा-महेश और डोल रथ पर श्री होल्कर स्टेट का मुखारविंद सम्मिलित रहेगा।
सवारी निकलने से पहले, मंदिर के सभामंडप में भगवान श्री चंद्रमौलेश्वर का विधि-विधान से पूजन-अर्चन किया जाएगा। इसके बाद पालकी में विराजमान होकर भगवान नगर भ्रमण पर निकलेंगे। मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल द्वारा भगवान को सलामी दी जाएगी।
सवारी पारंपरिक मार्ग से होते हुए रामघाट पहुंचेगी, जहाँ क्षिप्रा नदी के जल से भगवान का अभिषेक और पूजन किया जाएगा। इसके बाद सवारी विभिन्न मार्गों से होकर पुनः श्री महाकालेश्वर मंदिर लौटेगी।
भव्य स्वरूप के लिए शामिल होंगे जनजातीय नृत्य दल
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की पहल पर इस सवारी को भव्यता प्रदान करने के लिए 4 जनजातीय और लोक नृत्य दल भी शामिल होंगे। इनमें बैतूल से गोंड जनजातीय ठाट्या नृत्य, खजुराहो से कछियाई लोक नृत्य, दमोह से बधाई लोक नृत्य और डिंडोरी से गेंड़ी जनजातीय नृत्य दल अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे।
लाइव प्रसारण और चलित रथ की व्यवस्था
मंदिर प्रबंध समिति ने भक्तों की सुविधा के लिए चलित रथ की व्यवस्था की है, जिसके दोनों ओर लगी एलईडी स्क्रीन पर सवारी का सीधा प्रसारण किया जाएगा। इससे उज्जैन के अन्य क्षेत्रों जैसे फ्रीगंज, नानाखेड़ा और दत्त अखाड़ा में भी भक्त आसानी से सवारी के दर्शन कर सकेंगे।