मऊगंज में खाद की भारी किल्लत से किसान परेशान हैं। खरीफ फसल की बुवाई के अंतिम चरण में यूरिया और डीएपी की अनुपलब्धता से फसलें सूखने लगी हैं। प्रशासनिक लापरवाही और बिचौलियों की कालाबाजारी से किसानों में आक्रोश है। अगस्त क्रांति मंच ने उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।
By: Yogesh Patel
Aug 04, 2025just now
हाइलाइट्स
मऊगंज, स्टार समाचार वेब
जिले के किसान इस समय गंभीर खाद संकट से जूझ रहे हैं। खरीफ फसल की बुवाई के समय ही क्षेत्र में यूरिया और डीएपी की भारी कमी देखी जा रही है। जिससे अन्नदाता परेशान और हताश हैं। खाद न मिलने से फसलों की वृद्धि प्रभावित हो रही है और किसानों की मेहनत पर पानी फिरता नजर आ रहा है। ऐसे में अगस्त क्रांति मंच ने उग्र आंदोलन करने की चेतावनी प्रशासन को दी है।
उल्लेखनीय है कि खरीफ फसल की बुबाई लगभग आखिरी दौर में है। ऐसे में किसानों को डीएपी एवं यूरिया की अति आवश्यकता है। लेकिन किसानों को समितियों से खाद नहीं मिल पा रही है। जिससे किसानों को फसल बर्बाद होने का खतरा नजर आने लगा है। यह हाल पूरे जिले में है। किसी भी समिति से किसानों को खाद नहीं मिल पा रही है। इस संबंध में कई बार जिम्मेदार अधिकारियों से किसानों ने बात की, लेकिन समस्या का सामाधान नहीं हुआ। ऐसे में अब अगस्त क्रांति मंच आगे आ गया है। प्रशासन को चेतावनी दी है कि यदि किसानों को समय पर खाद नहीं मिली तो जिला मुख्यालय में उग्र आंदोलन किया जायेगा। जिसमें हजारों की संख्या में किसान सड़क पर उतर कर प्रदर्शन करेंगे।
मनमानी दाम पर खाद खरीदने को विवश
स्थानीय किसानों का आरोप है कि सरकारी गोदामों में खाद मौजूद होने के बावजूद उन्हें समय पर उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर बिचौलिए मनमानी दरों पर खाद बेचकर किसानों की मजबूरी का फायदा उठा रहे हैं। किसान संगठनों का कहना है कि प्रशासनिक लापरवाही और भ्रष्टाचार के चलते स्थिति दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है।
प्रशासन की चुप्पी सवालों के घेरे में
किसानों ने बताया कि खाद के लिए उन्हें घंटों लंबी लाइन में खड़ा रहना पड़ रहा है, लेकिन फिर भी खाली हाथ लौटना पड़ता है। वहीं प्रशासन की ओर से अब तक कोई ठोस पहल नहीं की गई है, जिससे किसानों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
यह है मुख्य मांगें