मध्य प्रदेश में साइबर ठगों ने नया तरीका अपनाया है। खरगोन कलेक्टर भव्या मित्तल और धार कलेक्टर प्रियंक मिश्र की फोटो लगाकर विदेशी नंबरों से अधिकारियों से पैसे मांगे जा रहे हैं। जानें ठगी की कोशिश, पुलिस एडवाइजरी और 21 कोड फ्रॉड से बचने के उपाय।
By: Ajay Tiwari
Nov 01, 20257:15 PM
भोपाल. स्टार समाचार वेब
मध्य प्रदेश में साइबर ठगी का एक नया और गंभीर मामला सामने आया है, जहाँ ठग जिले के कलेक्टरों के नाम और फोटो (DP) का इस्तेमाल करके सरकारी अधिकारियों से पैसे की मांग कर रहे हैं। बीते सात दिनों में इस तरह की धोखाधड़ी के दो बड़े प्रयास सामने आए हैं, जिनमें खरगोन कलेक्टर IAS भव्या मित्तल और धार कलेक्टर IAS प्रियंक मिश्र के नाम का दुरुपयोग किया गया है।
धार जिले में, डही क्षेत्र की ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर (बीएमओ) को एक अज्ञात अंतर्राष्ट्रीय नंबर (+84916423486) से वॉट्सऐप मैसेज प्राप्त हुआ। मैसेज भेजने वाले ने DP पर कलेक्टर प्रियंक मिश्र की फोटो लगाई हुई थी और खुद को कलेक्टर बताया। हालाँकि, मैसेज की असामान्य भाषा को पढ़कर बीएमओ को संदेह हुआ। उन्होंने तुरंत कुक्षी एसडीएम विशाल धाकड़ को इसकी सूचना दी। जांच में पता चला कि यह नंबर विदेशी नेटवर्क (वियतनाम) से संचालित हो रहा था। एसडीएम ने तत्काल बीएमओ को नंबर ब्लॉक करने और सभी अधिकारियों को सतर्क रहने की चेतावनी जारी की, जिससे बीएमओ ठगी का शिकार होने से बच गईं।
इसी तरह का मामला खरगोन जिले में भी सामने आया था। कलेक्टर भव्या मित्तल के नाम से कई अधिकारियों को वॉट्सऐप मैसेज भेजे गए, जिनमें तत्काल पैसे जमा करने की मांग की गई थी और साथ में एक बैंक अकाउंट नंबर भी दिया गया था। मैसेज में लिखा था कि "मैं मीटिंग में हूँ, मुझे तुरंत भुगतान करना है। कृपया जल्द ही इस खाते में पैसे जमा करें।" कलेक्टर भव्या मित्तल द्वारा इस मामले की सूचना खरगोन पुलिस अधीक्षक रवींद्र वर्मा को दी गई, जिसके बाद जांच में पता चला कि यह नंबर भी वियतनाम का था।
साइबर क्राइम शाखा, भोपाल, इस तरह के फ्रॉड से बचने के लिए लगातार एडवाइजरी जारी कर रही है। एसीपी सुजीत तिवारी के अनुसार, हाल ही में यह सामने आया है कि ठग *21*<मोबाइल नंबर># जैसे विशेष कोड का इस्तेमाल कर रहे हैं। वे फोन या मैसेज के माध्यम से लोगों को यह कोड डायल करने के लिए कहते हैं।
चेतावनी: साइबर क्राइम भोपाल ने चेतावनी दी है कि किसी भी अज्ञात व्यक्ति के कहने पर *21*<मोबाइल नंबर># या इसी तरह के किसी अन्य कोड को कभी भी डायल न करें। ऐसा करने से आपके मोबाइल का कॉल और मैसेज डेटा दूसरे व्यक्ति तक पहुँच सकता है। इसके अतिरिक्त, अधिकारियों और आम जनता से अपील की गई है कि वे अपने ओटीपी (OTP) और निजी जानकारी को पूरी तरह गोपनीय रखें और किसी के साथ साझा न करें।