मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भोपाल में 'ड्रोन टेक वर्कशॉप एक्सपो 2025' में नई ड्रोन पॉलिसी की घोषणा की। उन्होंने कृषि, आपदा प्रबंधन और सुरक्षा में ड्रोन के बहुआयामी उपयोग को विकास और नवाचार का सशक्त वाहक बताया। 4000 छात्रों ने लिया प्रशिक्षण।
By: Ajay Tiwari
Oct 30, 20256:21 PM
भोपाल. स्टार समाचार वेब
भोपाल में गुरुवार को आयोजित ड्रोन टेक वर्कशॉप एवं एक्सपो 2025 में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राज्य सरकार की नई ड्रोन पॉलिसी की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार विकास, नवाचार और आत्मनिर्भरता के एक सशक्त वाहक के रूप में ड्रोन तकनीक का उपयोग करने के पथ पर अग्रसर है। उन्होंने विज्ञान भवन-नेहरू नगर में दीप प्रज्वलित कर कार्यशाला और इससे संबंधित प्रदर्शनी का शुभारंभ किया।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने ड्रोन तकनीक को विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी बदलाव बताया। उन्होंने इस तकनीक के बहुआयामी उपयोग पर प्रकाश डालते हुए कहा कि:
कृषि: ड्रोन, कीटनाशक दवाओं के छिड़काव को आसान बनाकर अन्नदाता की मदद कर रहा है।
आपदा एवं सुरक्षा: यह तकनीक आपदा की स्थिति में और पुलिस प्रशासन के लिए मॉनीटरिंग (निगरानी) में अत्यधिक उपयोगी है।
रक्षा: उन्होंने 'ऑपरेशन सिंदूर' का उल्लेख करते हुए कहा कि पीएम मोदी के मार्गदर्शन में ड्रोन टेक्नोलॉजी ने दुश्मन को उसके घर में घुसकर मारने की क्षमता भारत को दी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय समाज हमेशा से नई तकनीकों को शीघ्रता से अपनाने में आगे रहा है। उन्होंने विश्वास दिलाया कि राज्य सरकार दुनिया के साथ कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ने के लिए प्रतिबद्ध है।
कार्यशाला के शुभारंभ के बाद मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं, स्टार्टअप्स और औद्योगिक संस्थानों के स्टॉल्स का अवलोकन किया और शैक्षणिक, औद्योगिक एवं कृषि क्षेत्र में ड्रोन के उपयोग की जानकारी ली।
मध्यप्रदेश विज्ञान एवं तकनीकी शिक्षा परिषद के महानिदेशक डॉ. अनिल कोठारी ने बताया कि मध्य प्रदेश के 70वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित इस एक्सपो में प्रदेशभर से 4 हजार से अधिक विद्यार्थियों ने ड्रोन तकनीक प्रशिक्षण के लिए पंजीकरण कराया है, जिन्हें विशेषज्ञों द्वारा स्वरोजगार और तकनीक आधारित महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की जाएगी।
अपर मुख्य सचिव, विज्ञान एवं तकनीकी शिक्षा, संजय दुबे ने बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में ड्रोन टेक्नोलॉजी के विकास पर जोर दिया जा रहा है। ड्रोन अब रक्षा और निगरानी तक सीमित न होकर कृषि, भू-सर्वेक्षण, आपदा प्रबंधन, स्वास्थ्य सेवाएँ और मीडिया जैसे अनेक क्षेत्रों में उपयोगी साबित हो रहा है। भारत सरकार की "ड्रोन नीति 2021" और "मेक इन इंडिया" अभियान के अनुरूप, राज्य स्तर पर भी इसे नवाचार और रोजगार के नए अवसरों के रूप में विकसित किया जा रहा है।
स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर भोपाल के निदेशक कैलाशा राव ने बताया कि यह तकनीक उज्जैन सहित प्रदेश के ऐतिहासिक स्थलों के मानचित्रण और अधोसंरचना विकास कार्यों में अहम भूमिका निभा रही है।
कार्यक्रम में ड्रोन प्रदर्शनी, हैंड्स ऑन वर्कशॉप, विशेषज्ञों के व्याख्यान, लाइव डेमो और इनोवेशन चैलेंज आयोजित किए गए, जिसका मुख्य उद्देश्य राज्य में ड्रोन तकनीक की समझ और क्षमता निर्माण को बढ़ावा देना है।