गौरिहार सहित प्रदेश की ग्राम पंचायतों में उपयंत्रियों की हड़ताल के चलते मनरेगा और अन्य निर्माण कार्य ठप हो गए हैं। 73 पंचायतों में नियुक्त 6 उपयंत्रियों के काम बंद करने से भवन निर्माण, मूल्यांकन और ‘एक बगिया मां के नाम’ जैसी योजनाएं अधर में लटक गई हैं। मजदूरों को काम और मजदूरी दोनों से वंचित होना पड़ रहा है।
By: Yogesh Patel
Sep 07, 202513 hours ago
हाइलाइट्स
गौरिहार, स्टार समाचार वेब
प्रदेश भर के जनपदों की ग्राम पंचायतों में कार्य करने वाले उपयंत्रियों के हड़ताल पर जाने के बाद मनरेगा सहित पंचायतों के अन्य कार्य ठप पड़े हैं। कहीं नए भवनों के ले-आउट तो कहीं मूल्यांकन न होने से निर्माण कार्य बाधित हैं जिसकी वजह से स्थानीय मजदूरों को काम व दाम दोनों नहीं मिल पा रहे हैं। सरपंचों का कहना है कि अगर उपयंत्री हड़ताल से जल्द वापस नहीं लौटे तो पंचायतों में विकास कार्यो की गति बहुत पीछे भी हो जाएगी।
73 ग्राम पंचायतों में पदस्थ हैं 6 उपयंत्री
जनपद की 73 ग्राम पंचायतों को 6 सेक्टरों में विभाजित किया गया है। जिसमें हर एक सेक्टर में एक-एक उपयंत्री की पदस्थापना की गई है। इन 6 सेक्टरों में प्रकाश बम्होरी, कंदैला, गौरिहार, सिचहरी, पहरा और सरवई हैं। जिनमें सेक्टर नंबर 01 में कंसाना जी, 02 में एसके जैन, 03 में विष्णु प्रजापति, 04 में प्रज्ञेश कुमार सिंह, 05 में अब्दुल जुनैद सिद्द्की व 06 में भूपेंद्र सिंह सेंगर पदस्थ हैं। हड़ताल में जाने के बाद इन सभी 6 सेक्टरों की 73 ग्राम पंचायतों के कार्य ठप पड़े हैं।
मनरेगा सहित अन्य निर्माण कार्य हैं बाधित
सरपंचों ने बताया कि 16 अगस्त से 10 दिनों के लिए सभी उपयंत्री सामूहिक अवकाश में थे इसके बाद 27 अगस्त से हड़ताल पर चले गए लगभग 21 दिनों से सभी कार्य ठप पड़े हैं। हड़ताल पर चल रहे उपयंत्रियों की वजह से मनरेगा योजना के तहत "एक बगिया मां के नाम" से जनपद की पंचायतों में 100 हितग्राहियों को बागिया लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था जिसमे 18 बागियों की ही शुरूआत ही हो सकी जो अधूरी पड़ी हैं। इसके अलावा नए स्वीकृत भवनों के ले-आउट न होने की वजह से निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पा रहे हैं। साथ ही ग्राम पंचायतों में पूर्व में कराए गए कार्यों के मूल्यांकन न होने से आगे की प्रक्रिया संचालित नहीं हो पा रही है। जिसके कारण पंचायतों में विकास कार्य की प्रगति पीछे होती चली जा रही है।
उपयंत्रियों के हड़ताल पर जाने के बाद जिला प्रशासन द्वारा अन्य विभागों के उपयंत्रियों को कार्यो को देखने के लिए नियुक्त किया गया है, फिलहाल एक बगिया मां के नाम पर फोकस है जिसके क्रियान्वयन के लिए प्रयास जारी हैं।
दीपा कोटस्थाने सीईओ जनपद पंचायत गौरिहार।