रीवा जिले में पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत करीब 1.93 लाख पात्र किसानों में से अब तक केवल 80% ने ही फार्मर रजिस्ट्री करवाई है। 62 हजार किसान अब भी प्रक्रिया से वंचित हैं। सरकार ने 31 जुलाई तक अंतिम तारीख तय की है, रजिस्ट्रेशन नहीं होने पर अगली किस्त नहीं मिलेगी। 28 हजार किसानों के खाते इनएक्टिव हैं और योजना से बाहर हो सकते हैं। जानिए पूरी स्थिति और इसका समाधान।
By: Yogesh Patel
Jul 28, 202519 hours ago
हाइलाइट्स
रीवा, स्टार समाचार वेब
पीएम किसान सम्मान निधि के लिए अब फार्मर रजिस्ट्री अनिवार्य कर दी गई है। सरकार ने 31 जुलाई तक सभी पात्र हितग्राहियों को फार्मर रजिस्ट्री कराने के निर्देश दिए हैं। डेड लाइन को सिर्फ 4 दिन बचे हैं। 80 फीसदी किसानों की ही फार्मर रजिस्ट्री हुई है। करीब 62 हजार किसान शेष हैं। इतने कम समय में इतने अधिक किसानों की फार्मर रजिस्ट्री मुश्किल लग रही है। जिनकी समय पर फार्मर रजिस्ट्री नहीं हुई तो उनके खाते में पीएम सम्मान निधि की राशि भी नहीं आएगी।
आपको बता दें कि केन्द्र सरकार छोटे किसानों को राहत देने के लिए पीएम किसान सम्मान निधि योजना चला रही है। इसके तहत पात्र किसानों को सालभर में 6 हजार रुपए तीन किस्तों में दिया जाता है। अब तक किसानों को इस राशि के लिए बार बार केवायसी कराना पड़ता था। इस समस्या को खत्म करने के लिए ही सरकार ने फार्मर रजिस्ट्री अनिवार्य कर दी है। अब जब तक किसान फार्मर रजिस्ट्री नहीं कराएंगे। उनके खाते में यह राशि नहीं जाएगी। रीवा जिला में करीब 1 लाख 93 हजार पीएम किसान सम्मान निधि के लिए पात्र किसान हैं। इनमें से अब तक सिर्फ 80 फीसदी किसानों ने ही फार्मर रजिस्ट्री कराई है।
अभी भी करीब 62 हजार किसानों की फार्मर रजिस्ट्री कराया जाना शेष है। इन किसानों के पास अब सिर्फ 4 दिन ही बचे हैं। यदि इन दिनों के शेष रह गए किसानों ने फार्मर रजिस्ट्री नहीं कराई तो आने वाली किस्त से वह वंचित रह जाएंगे।
28 हजार 444 पीएम किसान इनएक्टिव हैं
रीवा जिला में कुल 1 लाख 93 हजार 332 किसान पीएम किसान योजना में रजिस्टर्ड हैं। इनमें से 1 लाख 64 हजार 888 किसान एक्टिव हैं। इनके खाते में लगातार राशि जा रही है। इसके अलावा 28 हजार 444 किसानों के खाते इन एक्टिव हैं। इन किसानों के खातों में किसी तरह की राशि नहीं जा रही है। इन किसानों की केवायसी नहीं होने के कारण ही यह खाते इन एक्टिव हालत में पड़े हुए हैं। यही खाते फार्मर रजिस्ट्री के आंकड़े को शतप्रतिशत पहुंचाने में भी रोड़ा डालेंगे।
क्या है फार्मर रजिस्ट्री
फार्मर रजिस्ट्री को किसान रजिस्ट्री भी कहते हैं। यह एक किसान और उनकी भूमियों का डाटाबेस है। आधार कार्ड की ही तरह अब किसानों को भी एक आईडी नंबर जारी किया जाएगा। यह किसान का पहचान नंबर होगा। इसी नंबर में किसानो की जमीन की सारी जानकारी निहित होगी। इसमें किसान की जमीन का नंबर और उसका क्षेत्रफल भी मिलेगा। इसी फार्मर रजिस्ट्री से ही अब किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा। अलग अलग खसरा नंबर और रकवा नहीं बताना होगा। किसान फार्मर रजिस्ट्री नंबर बताकर भी योजनाओं का लाभ ले सकेंगे। इस फार्मर रजिस्ट्री से सिर्फ पीएम किसान की राशि ही नहीं मिलेगी। इसे धान और गेहूं उपार्जन के लिए भी लागू किया जा सकेगा। किसानों के रकबा का सत्यापन इससे आसानी से हो सकेगा।
पंचायतों में फार्मर रजिस्ट्री के थे निर्देश
कलेक्टर ने सभी पंचायत सचिव और रोजगार सहायकों को पंचायत स्तर पर ही शिविर लगाकर सभी हितग्राहियों की फार्मर रजिस्ट्री के निर्देश दिए थे। इसके बाद भी पंचायत सचिव और रोजगार सहायकों ने मामले में गंभीरता नहीं दिखाई। गांव के किसानों और हितग्राहियों तक फार्मर रजिस्ट्री कराने की जानकारी तक नहीं पहुंची। इसके कारण कई किसानों को इसकी जानकारी भी नहीं है। जिन किसानों के खाते इन एक्टिव हैं, उन्हें भी इसकी जानकारी नहीं है।