सतना जिले के पीएम श्री स्कूलों की जमीनी हकीकत चौंकाने वाली है। सरकारी नामकरण से भले ही स्कूलों को नया नाम मिला हो, लेकिन हालात वही पुराने हैं- जर्जर भवन, गिरता प्लास्टर, टपकती छतें और लबालब पानी। जानिए कैसे 1547 स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा खतरे में है और प्रशासन अब तक आंखें मूंदे बैठा है।
By: Yogesh Patel
Jul 27, 2025just now
हाइलाइट्स
सतना, स्टार समाचार वेब
केन्द्र सरकार की प्राथमिकता में शामिल पीएम श्री स्कूल भी जर्जर भवनों में संचालित हो रहे हैं। सरकारी स्कूलों का नाम बदला है लेकिन हालात नहीं बदले। सतना स्मार्ट सिटी के बीचों-बीच स्थित शासकीय व्यंकट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय क्रमांक -2 को पिछले 2 साल से पीएम श्री स्कूल योजना में शामिल किया गया है। बताया जाता है कि पिछले साल कई बार कमरों का प्लास्टर गिरने की घटना सामने आई थीं, कुछ कमरों में पानी टपकता है जिससे कक्षाओं का संचालन प्रभावित होता है। लेकिन इसके बाद भी जर्जर कमरों की मरम्मत नहीं करवाई गई। स्कूल में 5 कमरों की हालत खराब है। स्कूल प्रबंधन के अनुसार जिम्मेदार वरिष्ठ अधिकारियों को जर्जर कमरों की मरम्मत के संबंध कई बार अवगत कराया जा चुका है।
जानकारों के अनुसार स्कूल को बोर्ड एग्जाम का सेंटर भी बनाया जाता है। पिछली बार बोर्ड परीक्षा के दौरान भी कमरों का प्लास्टर गिरने की घटना हुई थी और छात्र बाल-बाल बचे थे।
सतनी-मैहर में 1547 स्कूलों में मासूूमों के सिर पर आफत भरी छत
सतना-मैहर जिले के 1547 शासकीय प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों में मामूमों के सिर पर आफत भरी छत है। बताया गया कि ये 227 स्कूलें जर्जर हैं तो 1547 स्कूलें मरम्मत योग्य हैं। जानकारों के अनुसार कई स्कूलों के कमरे इतने जर्जर हो गए है कि न जाने कब किसके ऊपर गिर पड़े। बताया गया कि राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा स्कूलों के मरम्मत के लिए फंंड मांगा गया था लेकिन कई बार मांग के अनुसार मेंटीनेंस फंड उपलब्ध नहीं हो पाता।
लबालब भरा पानी
व्यंकट क्रमांक-2 स्कूल में बारीश के मौसम में आफत बनी रहती है। गेट पर लबालब पानी भरा रहता है। बताया गया कि गेट से लेकर विद्यालय भवन तक पानी भरने से छात्र व शिक्षकों को काफी परेशानी झेलनी पड़ती है।