रीवा जिले में मतदाता सूची गहन पुनरीक्षण कार्य समाप्त हो गया है। 13.90 लाख मतदाताओं में से करीब 85 हजार 533 मतदाता नहीं मिल पाए, जिनके फार्म जमा नहीं हुए। निर्वाचन आयोग के निर्देश पर अब ऐसे मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटाए जाएंगे।
By: Star News
Dec 20, 20252:46 PM
हाइलाइट्स:
रीवा, स्टार समाचार वेब
मतदाता सूची गहन पुनरीक्षण काम खत्म हो गया। निर्वाचन आयोग ने डेट नहीं बढ़ाई। अब जिनके फार्म जमा नहीं होंगे, उनके नाम कटेंगे। नाम कटने वालों की संख्या करीब 85 हजार है। इनके फार्म ही कलेक्ट नहीं हुए। बीएलओ ने इन्हें लाख तलाशने की कोशिश की लेकिन मिले नहीं। सर्वाधिक रीवा विधानसभा से 30 हजार मिसिंग हैं।
मतदाता सूची का गहन पुनरीक्षण कार्य खत्म हो गया। निर्वाचन आयोग ने दो मर्तबा तिथि बढ़ाई, इसके बाद भी लोगों की तलाश खत्म नहीं हुई। 18 दिसंबर तक फार्म जमा करने की अंतिम तिथि थी। अब अंतिम फीडिंग चल रही है। रीवा जिला में 13 लाख 90 हजार 667 मतदाता दर्ज थे। इन सभी को तलाशना था। जिला निर्वाचन अधिकारी ने पूरी टीम लगा दी थी। बीएलओ के साथ सहायक और इसके अलावा सुपरवाइजर तक को लगाया था। नोडल बनाए गए थे। लाख कोशिशों के बाद भी करीब 85 हजार 533 मतदाता नहीं मिले। ऐसा नहीं है कि सभी नहीं मिले। कुछ के नाम कई विधानसभा में भी जुड़े थे। उनके भी नाम काटे गए हैं। उनके फार्म वापस नहीं आए। गहन पुनरीक्षण के तहत फार्म जमा करने की तिथि खत्म हो गई है। अब जिनके फार्म जमा नहीं हुए। उनके नाम मतदाता सूची से भी हटाए जाएंगे। इसके बाद यदि कोई वोटर सामने आता है तो उसे दावा आपत्ति का मौका दिया जाएगा।
सबसे अधिक रीवा और सबसे कम सिरमौर में मिसिंग
गहन पुनरीक्षण कार्य के दौरान मतदाता सूची में दर्ज मतदाओं का मिलान किया जा रहा था। जो वोटर दर्ज हैं उनका भौतिक सत्यापन किया जा रहा था। इसमें सर्वाधिक वोटर रीवा विधानसभा से मिसिंग हैं। इनकी संख्या 32 हजार 404 है। इसी तरह सबसे कम मतदाता जो नहीं मिले उनकी संख्या सिरमौर विधानसभा में 6421 रही।
14 हजार वोटर ट्रैस ही नहीं हो पाए
रीवा जिला में एसआईआर सर्वे के दौरान ऐसे भी वोटरों के नाम सामने आए जिनका कहीं अता पता नहीं चला। करीब 14 हजार वोटरों के नाम मतदाता सूची में तो दर्ज थे लेकिन जब बीएलओ तलाशने पहुंचे तो कोई उनके बारे में जानकारी ही नहीं दे पाया। कब आए और कब चले गए किसी को नहीं पता।
करीब 16 हजार मतदाता कहीं और शिफ्ट हो गए
रीवा शहर है। यहां हर साल छात्र पढ़ने आते हैं। कई जिलों से लोग मजदूरी करने भी आते हैं। यहां अस्थाई तौर पर रहते हैं लेकिन उनके नाम भी वोटरलिस्ट में जोड़ दिया गया था। जब बीएलओ वार्डों में इनके नाम का फार्म लेकर तलाशने पहुंचे तो मौके पर मिले ही नहीं, कहीं और जा चुके थे। जिन मकान और जगह पर इनका एड्रेस दर्ज था। वहां इन वोटरों का पता ही नहीं चला। फार्म जमा ही नहीं हुए। ऐसे वोटरों की संख्या करीब 16 हजार है। रीवा जिला में ऐसे वोटर 45 हजार रहे जो मिले ही नहीं। अब इन सभी के नाम कटेंगे।