सिंगरौली नगर पालिका निगम के वार्ड क्रमांक 34 उपचुनाव में नामांकन के दौरान आचार संहिता उल्लंघन का मामला सामने आया है। कांग्रेस ने भाजपा मंत्री राधा सिंह और कार्यकर्ताओं पर कलेक्ट्रेट परिसर में नारेबाजी व शक्ति प्रदर्शन का आरोप लगाते हुए जिला निर्वाचन अधिकारी से शिकायत की है।
By: Star News
Dec 20, 20253:03 PM
हाइलाइट्स:
सिंगरौली, स्टार समाचार वेब
नगर पालिका निगम सिंगरौली के वार्ड क्रमांक 34 में पार्षद उपचुनाव को लेकर आज नामांकन दाखिल करने का अंतिम दिन था। इसी दौरान सिंगरौली की राजनीति उस वक्त गरमा गई जब कांग्रेस ने भाजपा के मंत्री, नेताओं और कार्यकर्ताओं पर आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का गंभीर आरोप लगाया।
कांग्रेस का आरोप है कि राज्यमंत्री राधा सिंह की अगुवाई में भाजपा के सैकड़ों कार्यकर्ता कलेक्ट्रेट परिसर में नारेबाजी करते हुए पार्टी झंडे और बाजे के साथ प्रवेश कर गए। मंत्री राधा सिंह के साथ भाजपा की ओर से घोषित पार्षद प्रत्याशी अशोक सिंह का नामांकन दाखिल कराया गया। इस दौरान न केवल कलेक्ट्रेट परिसर बल्कि कलेक्टर कार्यालय के भीतर भी राजनीतिक नारेबाजी किए जाने का दावा किया गया है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि चुनाव आचार संहिता लागू होने के बावजूद सत्ता के नशे में चूर भाजपा नेताओं ने नियमों को ताक पर रख दिया, लेकिन प्रशासन और पुलिस मूकदर्शक बनी रही। कांग्रेस कार्यकर्ता इस पूरे मामले को लेकर जिला निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय पहुंचे और औपचारिक शिकायत दर्ज कराई। साथ ही दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की। कांग्रेस ने सवाल उठाया है कि जब आम प्रत्याशी को सीमित संख्या में समर्थकों के साथ नामांकन की अनुमति होती है, तो भाजपा मंत्री और सैकड़ों कार्यकर्ताओं को कैसे कलेक्ट्रेट परिसर में शक्ति प्रदर्शन की छूट दी गई, क्या यह प्रशासन की निष्पक्षता पर प्रश्नचिह्न नहीं है। इस पूरे प्रकरण को लेकर कांग्रेस ने सोशल मीडिया के माध्यम से भी जिला प्रशासन, पुलिस और भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला है। कांग्रेस नेताओं ने यह भी सवाल उठाया कि क्या ऐसे प्रत्याशियों का नामांकन निरस्त होना चाहिए और क्या प्रशासन निष्पक्ष कार्रवाई करेगा या सत्ता के दबाव में कठपुतली बनकर भाजपा को चुनाव जिताने में सहयोग करेगा। अब निगाहें जिला निर्वाचन अधिकारी और प्रशासन की अगली कार्रवाई पर टिकी हैं। यह देखना अहम होगा कि आचार संहिता की बात सिर्फ कागजों तक सीमित रहती है या वास्तव में दोषियों पर कार्रवाई होती है।