चित्रकूट के सरभंगा जंगलों में रविवार को दो बाघ सड़क पर विचरण करते नजर आए, जिनका वीडियो राहगीरों ने बनाकर सोशल मीडिया पर साझा किया। पन्ना से आई बाघिन के बाद अब सरभंगा में 34 बाघों का कुनबा विकसित हो चुका है। वन विभाग ने कंजर्वेशन रिजर्व बनाने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है।
By: Yogesh Patel
Jul 28, 202510:37 PM
हाइलाइट्स
सतना, स्टार समाचार वेब
चित्रकूट के सरभंगा के जंगलों में बाघों की संख्या लगातार बढ़ रही है। बाघ अक्सर आबादी वाले क्षेत्रों के अलावा सड़कों पर कई बार देखे जा चुके हैं। रविवार को भी सरभंगा के जंगलों में रहने वाले दो बाघ सड़क पर विचरण करते हुए देखे गए। सड़क पर विचरण कर रहे बाघों का वीडियो राहगीरों ने बनाया जो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। जानकारी के अनुसार चार पहिया वाहन लेकर युवक गंतव्य को जा रहा था। सरभंगा के पास बरहा फारेस्ट नर्सरी के पास सड़क पर अचानक बाघ दिखाई दिया, कार चालक ने गाड़ी रोकी, कार चालक के द्वारा सड़क पर विचरण कर रहे दोनों बाघों का वीडियो बनाया गया।
बाघों को पसंद है सरभंगा का जंगल
एमपी - यूपी की सीमा से लगे सरभंगा के जंगल में एक दशक पहले बाघ नहीं थे, पन्ना टाइगर रिजर्व से बाघिन सरभंगा में आई, इस बाघिन के द्वारा कई शावकों को जन्म दिया गया। वन विभाग का कहना है कि यूपी के रानीपुर अभ्यारण्य में विचरण करने वाले नर बाघ के सम्पर्क में आने से मादा बाघ ने शावकों को जन्म दिया। पन्ना से आई मादा बाघ से जन्में शावकों की संख्या साल-दर-साल बढती चली गई। वन विभाग के अनुसार वर्तमान समय में सरभंगा के जंगलों में 34 के करीब नर और मादा बाघ मौजूद हैें जिनमें 8 शावक हैं। सरभंगा के जंगल में रहने वाले बाघों के कुनबे की निगरानी के लिए वन विभाग के द्वारा जंगलों में कई जगह टैÑक कैमरे लगाए गए हैं।
कन्जर्वेशन रिजर्व पर सहमति
बाघों के लिए अनुकूल सरभंगा क्षेत्र के जंगल को टाइगर रिजर्व बनाने की मांग की जा रही थी। इस बीच जनप्रतिनिधियों और विभागीय अधिकारियों की बैठक में तय किया गया कि सरभंगा को कन्जर्वेशन रिजर्व बनाने पर काम किया जाए। जानकारों के मुताबिक कन्जर्वेशन रिजर्व (संरक्षण रिजर्व) एक प्रकार का संरक्षित क्षेत्र होता है जो वन्यजीवों और जैव विविधता के संरक्षण के लिए बनाया जाता है। आमतौर पर यह राष्ट्रीय उद्यानों, वन्य जीव अभ्यारण्य के बीच बफर जोन या गलियारे के रूप में काम करता है जिससे वन्यजीवों को एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में जाने में मदद मिलती है।