सतना में एक साल में सामने आए 88 हेपेटाइटिस मरीज, 26 नवजात भी संक्रमित — विषाक्त पानी और भोजन बना सबसे बड़ा कारण

विश्व हेपेटाइटिस दिवस पर सतना में खुलासा — एक साल में 88 मरीजों की पुष्टि, 26 नवजात भी संक्रमित। विषाक्त पानी, प्रदूषित भोजन और शराब का सेवन बना बड़ा कारण। विशेषज्ञों ने दी चेतावनी, सिर्फ स्वास्थ्य विभाग नहीं, जल और खाद्य सुरक्षा विभागों को भी लेनी होगी जिम्मेदारी।

By: Yogesh Patel

Jul 28, 20258:52 PM

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सतना में एक साल में सामने आए 88 हेपेटाइटिस मरीज, 26 नवजात भी संक्रमित — विषाक्त पानी और भोजन बना सबसे बड़ा कारण

हाइलाइट्स

  • सतना जिला अस्पताल में एक वर्ष में 88 हेपेटाइटिस मरीज और 26 नवजातों में संक्रमण की पुष्टि।
  • विशेषज्ञों का दावा: गंदा पानी, खराब खाना और शराब की लत मुख्य कारण।
  • 28 जुलाई से जेलों में विशेष जांच अभियान, गर्भवती महिलाओं की जांच पर भी ज़ोर।

सतना, स्टार समाचार वेब

आज हेपेटाइटिस दिवस है। आज एक  बार पुन: लीवर से संबंधित इस रोक थाम के लिए जागरूकता कार्यक्रम आयोजित होंगे। ऐसा हर साल होता है, स्वास्थ्य विभाग एडवाइजरी जारी करता है, लेकिन हेपेटाइटिस के उन मूल कारणों को नजर अंदाज किया जाता है जिसके कारण हेपेटाइटिस मानव जीवन के लिए खतरा बन जाता है। हेपेटाइटिस डे की पूर्व संध्या पर स्टार समाचार ने जब विशेषज्ञों से बात की तो यह बात सामने आई कि ज्यादातर मामलों में  विषाक्त पानी, प्रदूषित खाना व शराब का अधिक सेवन ही इसके लिए जिम्मेदार है। जाहिर है कि हेपेटाइटिस डे पर स्वास्थ्य अमले के साथ साथ उन विभागों को भी  सचेत होने का संकल्प लेना होगा जिन पर शुद्ध पेयजल व शुद्ध खाद्य पदार्थों की उपलब्धता सुनिश्चित करने का जिम्मा है। तभी हेपेटाइटिस डे जैसे दिवस प्रासंगिक साबित होंगे। 

26 नवजातों में भी पुष्टि

जिला अस्पताल में हेपेटाइटिस के 88 मरीज रजिस्टर्ड हैं जिनका इलाज जिला अस्पताल में किया जा रहा है। इसके अलावा वर्ष 2025 में 26 नवजातों में इस बीमारी की पुष्टि हुई थी जिनका इलाज भी जारी है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एलके तिवारी ने बताया कि जिले में हेपेटाइटाईटीस नियंत्रण कार्यक्रम भी चलाया जा रहा है जिसमें गर्भवतियों एवं सभी व्यक्तियों की भी जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि 28 जुलाई से जिले में विशेष रूप से सभी जेलों में बंदियों की जांच की जाएगी।

जिसके लिए जिला अस्पताल के साथ मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टरों की डियूटी लगाई गई है। उल्लेखनीय है कि हाल ही में गर्भवती की जांच में हेपेटाइटिस की पुष्टि होने के बाद उसे हेपेटाइटिस इम्युनोग्लोबुलिन इंजेक्शन दिया गया और फिर उसका सुरक्षित प्रसव कराया गया। 

प्रदूषित भोजन-पानी गंभीर खतरा 

एपिडेमियोलॉजिस्ट डॉ. प्रदीप गौतम ने बताया कि हेपेटाइटिस वायरस पांच प्रकार के होते हैं। इसमें हेपेटाइटिस ए, बी, सी, डी, ई शामिल है। एक्यूट हेपेटाइटिस में अचानक लीवर में सूजन आती है, जिसके लक्षण 6 महीने तक रहते हैं। इलाज होने पर रोग धीरे-धीरे ठीक होने लगता है। एक्यूट हेपेटाइटिस आमतौर पर एचएवी इंफेक्शन के कारण होता है। दूसरा क्रॉनिक हेपेटाइटिस है, जिसमें एचइवी इंफेक्शन रोगी के इम्यून सिस्टम को बुरी तरह प्रभावित करता है। लीवर कैंसर और लिवर की बीमारी के कारण ज्यादा लोगों की मौत तक हो रही है।  एचडीवी वायरस के कारण हेपेटाइटिस डी से ग्रसित हो सकते हैं।  हेपेटाइटिस अधिकांशत:  विषाक्त पानी और खाने के कारण हेपेटाइटिस का यह वायरस फैलता  है। इसके अलावा ज्यादा दवाइयों व शराब का सेवन भी लिवर सेल्स को सुजा देता है।

लक्षण

  • हमेशा थकान महसूस होना
  • त्वचा की रंगत पीली होना
  • आंखों के सफेद हिस्से का रंग पीला पड़ जाना
  • भूख न लगना या कम लगना
  • उल्टी आना या जी मिचलाना
  • पेट दर्द और सूजन होना
  • सिर दर्द व चक्कर आना
  • यूरिन का रंग बदलना
  • अचानक वजन कम होने लगता
  • पीलिया होना या कई सप्ताह तक बुखार बना रहना।

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