सतना जिले में बरसात के चलते संक्रामक रोगों का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। उल्टी, दस्त, पीलिया, हैजा, मलेरिया और डेंगू जैसे रोगों की रोकथाम के लिए जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने मेडिकल टीमों का गठन किया है। सभी ग्रामों में डिसइंफेक्शन और जागरूकता अभियान जारी है।
By: Yogesh Patel
हाइलाइट्स
सतना, स्टार समाचार वेब
बरसाती मौसम में जिले में संक्रामक रोगों का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। बढ़ते संक्रामक रोगों की रोकथाम के लिए कलेक्टर द्वारा जिला स्तर और ग्रामीण स्तर पर चिकित्स्कीय टीम गठित कर चिकित्सीय सुविधा बढ़ाने के निर्देश जारी किये हैं। कलेक्टर के निर्देश पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एलके तिवारी ने संक्रामक रोग और वेक्टर जनित रोग की रोकथाम के लिए सिविल सर्जन, अर्बन नोडल अधिकारी एवं विकासखण्ड नागौद, मझगवां, उचेहरा, सोहावल, रामपुर बाघेलान के खण्ड चिकित्सा अधिकारी को पत्र लिखा है। पत्र में सभी जगह वर्षा ऋतु में दूषित पानी से होने वाली बीमारियों के रोकथाम के संबंध में निर्देश जारी किये गए हैं।
सीएमएचओ ने बताया कि जिला एवं विकासखण्ड स्तर पर महामारी नियंत्रण के लिए आरआरटी एवं कॉम्बैट टीम गठित करने के निर्देश दिए गए हैंै। बीमारियों की रोकथाम के लिए एपिडिमियोलॉजिस्ट डॉ. प्रदीप गौतम को नोडल अधिकारी बनाया गया है। वर्षा ऋतु में दूषित पेयजल के उपयोग से विभिन्न संक्रामक रोग उल्टी, दस्त, पेंचिश, हैजा, पीलिया, टाईफाइड के साथ ही जल भराव के कारण वेक्टर जनित रोग जैसे मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया जैसे रोगों के मरीजों की संख्या बढ़ जाती है। इस कारण जनित रोगों का नियंत्रण किया जाना आवश्यक है।
चिकित्सा अधिकारी एवं एएनएम करेंगे रिपोर्टिंग
बरसाती मौसम में अशुद्ध पेयजल के कारण उल्टी-दस्त, निर्जलीकरण, आंत्रशोध, पेंचिश, पीलिया, हैजा को देखते हुए सभी पेयजल स्त्रोतों का डिसइंफेक्शन किया जाए। समस्या मूलक ग्रामों का चिन्हांकन करते हुए जल-जनित रोगों के नियंत्रण हेतु जनजागरूकता, पर्याप्त औषधि एवं सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। आईएचआईपी पोर्टल एवं एस फॉर्म पर वेक्टर जनित रोग के प्रकरणों की एन्ट्री व रिपोर्टिंग एएनएम द्वारा की जाएगी वहीं पी फॉर्म पर चिकित्सा अधिकारी व फार्माशिष्ट रिपोर्टिंग करेंगे संदिग्ध मरीज की जांच लैब को भेजी जाएगी। किसी भी गांव में एक हजार की जनसंख्या पर 4-5 प्रकरणों से अधिक संक्रामक रोगों की पुष्टि पर पोर्टल पर दर्ज करके चिकित्सीय दल भेजा जायेगा। सभी आशा कार्यकतार्ओं को क्लोरीन टेबलेट, ब्लीचिंग पॉवडर, ओआरएस पैकेट, जिंक टेबलेट, एंटीबायोटिक एवं अन्य आवश्यक औषधि सामग्री रखने के निर्देश जारी किये गए हैं।