सीधी जिले में लोक निर्माण विभाग की सड़कों में भ्रष्टाचार उजागर हुआ है। जांच में उपयंत्री प्रभाष श्रीवास्तव और सहायक यंत्री दोनों को दोषी पाया गया, लेकिन केवल उपयंत्री को निलंबित किया गया। सहायक यंत्री स्तुति गौतम पर कार्रवाई नहीं होने से सवाल उठ रहे हैं। विधायक ने भी पहले उनकी शिकायत की थी। घटिया सड़क निर्माण और संविदाकारों से मिलीभगत के आरोप लगातार चर्चा में हैं।
By: Yogesh Patel
Aug 28, 2025just now
हाइलाइट्स
सीधी, स्टार समाचार वेब
जिले में लोक निर्माण विभाग के द्वारा बनाई जा रही सडकों में संविदाकार एवं उपयंत्री सहायक यंत्री के द्वारा व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार किए जाने का आए दिन मामला उजागर हो रहा है। धौहनी विधानसभा क्षेत्र में नवनिर्मित सडक ठोंगा मैर टोला से जमुआ लागत 2 करोड़ 77 लाख, लंबाई 3.30 किलोमीटर की जांच मुख्य अभियंता एवं अधीक्षण अभियंता के द्वारा विगत दिनों स्थल पर जाकर की गई थी। जिसमें मुख्य अभियंता एवं अधीक्षण अभियंता की टीम ने अपने जांच प्रतिवेदन में स्पष्ट उल्लेख किया गया था कि सडक निर्माण में पाई गई व्यापक अनियमितता के दोषी उपयंत्री एवं सहायक यंत्री दोनो हैं। इसके बाद भी सहायक यंत्री पर विभाग द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई। जबकि उसी भ्रष्टाचार और अनियमितता के कारण पत्र क्रमांक स्था/क्वा/स/04-9/79 रीवा परि.//2025/381 भोपाल दिनांक 7 अगस्त 2025 को इंजी. केपीएस राणा प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग मध्य प्रदेश के द्वारा उपयंत्री प्रभाष श्रीवास्ताव को निलंबित कर दिया गया है।
प्रमुख अभियंता के आदेश में इस बात का उल्लेख किया गया है कि कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने की दृष्टि से मुख्य अभियंताओं के द्वारा रेंडम 25 जुलाई 2025 को निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान प्रगति रत मार्ग ठोंगा मैर टोला से जमुआ नंबर 2 लंबाई 3.30 किलोमीटर मार्ग के चैनेज 2358 मीटर पर क्रस्ट की मोटाई निर्धारित मापदंड से कम पाई गई एवं मार्ग के चैनेज 2990 मीटर पर बनाई गई पुलिया में शार्प टर्निंग निर्मित किया जाना पाया गया है।
इस प्रकार कार्य निर्धारित मापदंड के अनुसार संपादित नहीं करने एवं कार्य में लापरवाही हेतु मध्य प्रदेश सिविल सेवा वर्गीकरण नियंत्रण तथा अपील नियम 1966 के नियम 9 में निहित प्रावधानों के तहत प्रथम दृष्टया उत्तरदायी अधिकारी प्रभाष श्रीवास्तव उपयंत्री लोक निर्माण विभाग सीधी संभाग सीधी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर इनका मुख्यालय कार्यालय अधीक्षण यंत्री लोक निर्माण विभाग रीवा मंडल रीवा निर्धारित किया जाता है। यदि किसी निर्माण कार्य का उत्तरदायी उपयंत्री को ठहराया जाता है तो उस कार्य का सबसे ज्यादा उत्तरदायित्व सहायक यंत्री का होता है। यदि सहायक यंत्री उपयंत्री के द्वारा दर्ज की गई एमबी को सत्यापन न करते तो संविदाकार को उक्त कार्य का भुगतान कैसे होता। निमार्णाधीन सडक का सहायक यंत्री द्वारा सतत निरीक्षण किया जा रहा था। संविदाकार जब सडक निर्माण में अनियमितता कर रहे थे तो सहायक यंत्री ने उसको रोंका क्यों नहीं। घटिया निर्माण कार्य एवं गुणवत्ताविहीन निर्माण कार्य के मूल्यांकन में सहायक यंत्री द्वारा आपत्ति दर्ज क्यों नहीं की गई। संविदाकार को भुगतान दिलाने में सहायक यंत्री के द्वारा महती भूमिका निभाई गई थी।
धौहनी विधायक भी कर चुके हैं सहायक यंत्री की शिकायत
जिले के लोक निर्माण विभाग उप संभाग मझौली एवं सीधी में पदस्थ सहायक यंत्री सुश्री स्तुति गौतम के अनियमितता और भ्रष्टाचार की शिकायत धौहनी विधायक भी वरिष्ट अधिकारियों से कर चुके हैं। मझौली एवं सीधी उप संभाग के अंतर्गत जो भी सडक निर्माण का कार्य लोक निर्माण विभाग के द्वारा किया जा रहा है उन सभी में जांच के दौरान व्यापक पैमाने पर अनियमितता पाई जाती है। सहायक यंत्री संविदाकारों से मिलकर घटिया निर्माण कार्य कराने में अपना पूर्ण योगदान दे रही हैं और गुणवत्ताविहीन निर्माण कार्य की उपयंत्री को दबाव डालकर एमबी तैयार कर ठेकेदारों को लाभान्वित करने का पूरा प्रयास किया जाता है। घटिया निर्माण कार्य के कारण धौहनी विधायक के द्वारा सहायक यंत्री की शिकायत की जा चुकी है। इसके बाद भी उनके विरुद्ध अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई।