सिंगरौली जिले के बैढ़न ढोटी इलाके में प्रशासन ने हाईकोर्ट के आदेश पर गरीब महिला दुर्गावती पांडेय के मकान का हिस्सा जेसीबी से तोड़ दिया। कार्रवाई के दौरान महिलाओं ने जमकर हंगामा किया और नोटिस चस्पा करने की प्रक्रिया पर सवाल उठाए। इसी बीच दुर्गावती पांडेय बेहोश होकर ट्रॉमा सेंटर पहुंचीं। घटना से प्रशासन की संवेदनशीलता पर सवाल उठ रहे हैं।
By: Yogesh Patel
Aug 28, 2025just now
हाइलाइट्स
सिंगरौली, स्टार समाचार वेब
जिला मुख्यालय बैढ़न के ढोटी में आज दिन बुधवार की सुबह एसडीएम , तहसीलदार सिंगरौली के नेतृत्व में भारीभरकम पुलिस के साथ दो जेसीबी मशीन लेकर पहुंच गये। जहां दुर्गावती पाण्डेय के मकान को कुछ हिस्से को जमीदोज करा दिया। इस दौरान दुर्गावती पाण्डेय समेत अन्य महिलाओं ने जमकर हंगामा करते हुये प्रशासन के आनन-फानन कार्रवाई पर तरह-तरह के संगीन आरोप लगाया है। हालांकि यह कार्रवाई उच्च न्यायालय के निर्देश पर हुआ है। दरअसल हुआ यूॅ था कि ढोटी निवासी वीरेन्द्र कुमार उपाध्याय ने आरोप लगाया था कि उनके क्रय की भूमि में पड़ोसी दुर्गावती पाण्डेय ने कब्जा कर मकान बना लिया। मामला राजस्व के साथ-साथ स्थानीय न्यायालय में चला। 2010 में बेदखली करने का भी फैसला राजस्व न्यायालय से सुनाया गया। वही वीरेन्द्र कुमार उपाध्याय ने उच्च न्यायालय की शरण लिया। इस दौरान दुर्गावती के खिलाफ बेदखली की कार्रवाई करने के लिए निर्देश दिया गया। चुकी उच्च न्यायालय से स्थगन आदेश की तिथि 26 अगस्त को समाप्त हो गई। इस दौरान दुर्गावती पाण्डेय का आरोप है कि स्थानीय राजस्व न्यायालय नगर सिंगरौली के द्वारा रात में ही नोटिस चस्पा की गई और 24 घंटे का भी मोहलत भी नही दी गई और आज बुधवार की सुबह करीब 7 बजे जेसीबी मशीन व भारीभरकम पुलिस बल लेकर स्थल पहुंच मकान को जमीदोज करा दिया गया। सामान निकालने तक का भी मौका नही दिया गया। रात में गुपचुप तरीके से नोटिस चस्पा की गई। इस दौरान घंटो हंगामा होता रहा।
कार्रवाई के दौरान महिला हुई अचेत, पहुंचाया अस्पताल
बीते दिन कल मंगलवार को सुहागिनी महिलाएं अपने पति की दीघार्यु के लिए 24 घंटे का निर्जला व्रत थी। इस दौरान पुलिस महिला भी व्रतधारी थी। आनन-फानन में आज दिन बुधवार की सुबह दुर्गावती पाण्डेय के मकान में पहुंच जेसीबी मशीन से मकान को ध्वस्त कराने की कार्रवाई को शुरू कर दिये। उस दौरान अधिकांश महिलाएं यही जोर-जोर से चिल्ला रही थी कि यहां के अधिकारियों की संवदेनाएं शून्य हो चुकी हैं। यदि यही कार्रवाई एक दिन बाद की जाती तो उक्त घर की महिलाएं भरपेट भोजन कर लेती। दबी जुबान में कुछ महिला पुलिस कर्मी भी ऐसी ही बातें कर रही थी। इधर उक्त कार्रवाई के दौरान दुर्गावती बेहोश हो गई। उन्हें उपचार के लिए ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया। उधर तहसीलदार एवं एसडीएम के कार्यप्रणााली पर भी तरह-तरह की उंगलिया उठाई जा रही हैं।