मैहर और सतना के बीच सूरत-भागलपुर एक्सप्रेस में 21 वर्षीय गर्भवती महिला ने स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया। महिला यात्रियों ने संकट की घड़ी में ‘दाई’ बनकर प्रसव कराया। रेलवे स्टाफ और जीआरपी ने तत्परता दिखाते हुए सतना स्टेशन पर मां और नवजात को अस्पताल पहुंचाया। दोनों पूरी तरह स्वस्थ हैं।
By: Yogesh Patel
Aug 25, 20251 hour ago
हाइलाइट्स
सतना, स्टार समाचार वेब
रेल की पटरियों पर दौड़ती एक आम ट्रेन उस पल खास बन जाती है, जब वह किसी की जिÞंदगी की शुरूआत की साक्षी बन जाए। रविवार की सुबह 22947 डाउन सूरत-भागलपुर एक्सप्रेस में कुछ ऐसा ही हुआ, जिसने यात्रियों की आंखें नम कर दीं और दिल गर्व से भर दिए। चलती ट्रेन की बी 1 बोगी की सीट क्र. 27 में सवार 21 वर्षीय गर्भवती महिला राज कुमारी ने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया। यह भावुक पल उस समय और भी खास बन गया जब स्लीपर कोच की महिला यात्रियों ने मिलकर इस संकट की घड़ी में 'दाई' की भूमिका निभाई और एक नई जान को दुनिया में लाने में मदद की। इस अविस्मरणीय पल ने ‘सूरत-भागलपुर एक्सप्रेस’ को एक नया नाम दे दिया ‘जननी एक्सप्रेस’। यह घटना इस बात का प्रमाण है कि संकट की घड़ी में अजनबी भी अपनों से बढ़कर बन जाते हैं। जहां एक ओर यह घटना इंसानियत और सहयोग की मिसाल बनी, वहीं रेलवे और यात्रियों की तत्परता ने साबित किया कि जिÞंदगी कहीं भी शुरू हो सकती है, यहां तक कि चलती ट्रेन में भी।
मैहर और सतना के बीच शुरू हुई प्रसव पीड़ा
घटना उस समय हुई जब ट्रेन मैहर और सतना के बीच दौड़ रही थी। राज कुमारी अपने पति राजेश कुमार के साथ उधना (सूरत) से अपने गृह जिले भागलपुर जा रही थीं। अचानक उन्हें तेज प्रसव पीड़ा शुरू हुई। कोच में अफरा-तफरी का माहौल था, लेकिन घबराने की बजाय कोच की महिला यात्रियों ने हिम्मत दिखाई। उन्होंने चादरों से अस्थायी पर्दा बनाकर एक सुरक्षित माहौल तैयार किया और मिल-जुलकर राज कुमारी की डिलीवरी करवाई।
रेलवे स्टाफ और जीआरपी ने दिखाई संवेदनशीलता
घटना की सूचना सुबह 3.04 बजे जबलपुर कंट्रोल द्वारा कामर्सियल स्टेशन मास्टर विक्रांत को दी गई जिसके बाद सतना जंक्शन के एडीएमओ डॉ आदित्य जांगिड़ एवं वरिष्ठ नर्सिंग अधीक्षक मर्दनसिंह के अलावा रेलवे स्टेशन पर जीआरपी और रेलवे स्टाफ तुरंत हरकत में आ गया । सतना पहुंचने से पहले ही एम्बुलेंस और चिकित्सकों की टीम प्लेटफॉर्म पर तैनात हो गई थी। सुबह करीब 3.40 बजे बजे जैसे ही ट्रेन प्लेटफॉर्म नंबर 2 पर रुकी, मां और नवजात को तत्काल प्राथमिक उपचार के लिए जिला अस्पताल ले जाया गया। इस दौरान सतना जंक्शन में ट्रेन तकरीबन 20 मिनट तक रूकी रही।
जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ, यात्रियों में खुशी की लहर
अस्पताल में जांच के बाद डॉक्टरों ने मां और बच्चे दोनों को पूरी तरह स्वस्थ बताया। यह सुनते ही ट्रेन के यात्रियों में खुशी की लहर दौड़ गई। कुछ यात्रियों ने कहा, हमने जीवन में कई सफर किए, लेकिन यह सबसे खास था। यह सिर्फ यात्रा नहीं, एक अद्भुत अनुभव था।