सीधी जिले की धौहनी विधानसभा में ठोंगा से जमुआ तक बनने वाली 3.30 किमी सड़क भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई। 2.77 करोड़ की लागत से बनी इस सड़क में मुख्य अभियंता की जांच में गंभीर कमियां उजागर हुईं। सड़क की मोटाई, बिटुमिनस लेयर और गुणवत्ता तकनीकी प्राक्कलन से कम पाई गई। ठेकेदार और पीडब्ल्यूडी अधिकारियों की मिलीभगत पर सवाल।
By: Yogesh Patel
Aug 27, 20252 hours ago
हाइलाइट्स
सीधी, स्टार समाचार वेब
जिले में लोक निर्माण विभाग के द्वारा सडक निर्माण में ठेकेदारों द्वारा किए जा रहे कारनामे आए दिन उजागर हो रहे हैं। संविदाकारों द्वारा तकनीकी प्राक्कलन को दरकिनार कर मनमानी तरीके से गुणवत्ता विहीन सडक बनाने का हर संभव प्रयास उपयंत्री व सहायक यंत्री से मिलकर किया जाता है। जिले में धौहनी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत मुख्य सडक ठोंगा मैर टोला से जमुआ तक निर्माण क्रमांक 2 की 3.30 किलोमीटर लंबाई की सडक लागत 2 करोड़ 77 लाख लोक निर्माण विभाग के सहायक यंत्री को संभाग मझौली एवं उपयंत्री की देख-रेख में संविदाकार के द्वारा निर्माण कार्य कराया जा रहा था। ठेकेदार को लोक निर्माण विभाग द्वारा उक्त सडक के निर्माण के नाम पर लगभग 2 करोड़ 8 लाख 37 हजार का भुगतान किया जा चुका है। विगत 23 जुलाई 2025 को एसएल सूर्यवंशी मुख्य अभियंता पीडब्ल्यूडी जोन ग्वालियर, दिलीप जेनिया अधीक्षण अभियंता पीडब्ल्यूडी सर्किल शहडोल के द्वारा मुख्य सडक ठोंगा मैर टोला से जमुआ तक के सडक निर्माण कार्य का निरीक्षण किया। जिसमें व्यापक पैमाने पर कमियां देखने को मिली।
जांच के दौरान सडक निर्माण में मात्र उप ग्रेड की मोटाई सही पाई गई। इसके अतिरिक्त उपाधार की मोटाई डब्ल्यूएमएम व डब्ल्यूबीएम बेस कोर्स की मोटाई, सडक के आधार की मोटाई, सतह की मोटाई, पीक्यूसी की मोटाई तकनीकी प्राक्कलन के अनुसार फेल पाई गई। इतना ही नहीं जांच के दौरान सडक की लंबाई 3.3 किलोमीटर के स्थान पर 3.2 किलोमीटर पाई गई।
जिले के धौहनी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत 3.30 किलोमीटर की सडक लोक निर्माण विभाग एवं ठेकेदार की मिलीभगत से भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई। जबकि उक्त सडक ग्रामीण जनों के लिए बरदान साबित होगी। जब सडक निर्माण ही घटिया कराया जा रहा है तो आने वाले समय में बेहतर सडक कैसे रह सकती है। यही कारण है कि लोक निर्माण विभाग के द्वारा बनाई गई सडकें बनने के साथ ही उखड़ने लगती हैं और एक वर्ष के अंदर नष्ट हो जाती हैं।
मुख्य अभियंता की जांच में सड़क की गुणवत्ता में मिली कमियां
मुख्य अभियंता एवं अधीक्षण अभियंता ने अपने निरीक्षण शीट में इस बात का स्पष्ट उल्लेख किया है कि ठेकेदार द्वारा तकनीकी प्राक्कलन के मापदंडों का पालन नहीं किया है। इस कारण कार्य की मात्रा एवं गुणवत्ता में कमी दिखाई दे रही है। चूंकि कास्ट की मोटाई कम है अत: पुन: कार्य किया जाना उचित होगा। इसके साथ ही चैनल 2000 में बिटुमिनस लेयर की मोटाई 71 एमएम एल/एस एवं सेंटर में 61 पाई गई जो निर्धारित प्रावधान से काफी कम है। सीआरएम, डब्ल्यूएमएम, डीजीबीएम, बीसी की कुल मोटाई 39 सेमी. पाई गई। जबकि कुल मोटाई 48 सेमी. होनी चाहिए।
तकनीकि प्राक्कलन के अनुसार 9 सेमी. मोटाई कम पाई गई। ठेकेदार के आग्रह पर चैनल 2020 में भी कोर काटा गया। वहां भी बिटुमिनस लेयर की मोटाई 48 एमएम पाई गई जो प्रावधान से कम है। चैनेज 2680 में कैरीजवे इलेक्ट्रिक पोल है। जिसे 5.0 मी. पहले शिफ्ट कराया जा सकता था। जिससे कभी भी दुर्घटना घटित हो सकती है। इसमें उपयंत्री एवं अनुविभागीय अधिकारी की लापरवाही स्पष्ट गोचर हो रही है। उक्त सडक के चैनल 2990 में चैनल के ऊपर क्रॉसिंग करते समय एक एचपीसी का काम किया गया। जिसे शार्प टर्निंग किया गया। जबकि दो अतिरिक्त पाइप डाल कर सडक के हॉरिजोन्टल एलाइमेंट को सुधारा जा सकता था।
कार्यपालन यंत्री को निर्देंशित किया गया है कि अतिरिक्त पाइप लगाकर सुधार कार्य किया जावे। इसके साथ ही शोल्डर में साइड स्लोप एवं कम्पैक्शन में सुधार किया जावे।