संजय टाइगर रिजर्व सीधी के दुबरी परिक्षेत्र में बाघ टी-43 की करंट से मौत हुई। शिकारियों द्वारा 11 हजार केव्ही लाइन से करंट फैलाने पर बाघ फंस गया और मौके पर ही मारा गया। वन विभाग ने अपराध दर्ज कर जांच शुरू की, लेकिन लगातार हो रही बाघों की मौत से विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल।
By: Yogesh Patel
हाइलाइट्स
सीधी, स्टार समाचार वेब
एक तरफ जहां संजय टाइगर रिजर्व में पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कई तरह के नवाचार किए जा रहे हैं लेकिन पर्यटकों का केंद्र बिंदु जंगली जानवर बाघ माना जाता है जिसके संरक्षण और संवर्धन के लिए विभाग द्वारा प्रतिवर्ष कई-कई लाखों रुपए का बजट दिया जाता है लेकिन उन्हीं बाघों की हो रही मौतों से विभाग की लापरवाही पर सवालिया निशान खड़े होते रहे हैं। सूत्रों की माने तो बाघों की 80% मौतें शिकारियों द्वारा की जाती हैं।
क्या है ताजी घटना
संजय टाईगर रिजर्व के दुबरी परिक्षेत्र के डेवा वृत्त के बीट खरबर में शिकारियों द्वारा बिछाये गये करंट में फंसने से बाघ टी- 43 की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। यह सूचना मिलते ही विभागीय अधिकारियों का जमावड़ा लग गया। मृत बाघ का पोस्टमार्टम 3 डॉक्टरों की टीम द्वारा किया गया, वहीं अग्रिम फॉरेंसिक जांच के लिये बाघ का बिसरा एकत्रित किया गया है।
मरीज लेकर लौट रहे ग्रामीणों ने विभाग को दी सूचना
मिली जानकारी के अनुसार बीते सोमवार और मंगलवार की रात्रि में शिकारियों द्वारा वन्य जीवों के शिकार के लिये हाई वोल्टेज लाइन से करंट जमीन में फैलाया गया था। बिछाये गये करंट की चपेट में जैसे ही बाघ टी-43 फंसा, तेज आग भडक उठी। उसी दौरान खरबर गांव के कुछ लोग मरीज की दवाई कराकर बोलेरो वाहन से वस्तुआ लौटे रहे थे। इनकी बोलेरो वस्तुआ डेवा रोड से खरबर की तरफ मुड़ी तो रास्ते से लगभग 50 मीटर की दूरी पर तेज आग नजर आई। जिस पर इनके द्वारा बोलेरो को मोड़कर हेडलाइट से देखा गया तो जमीन में खूंटी गाडकर जीआई तार से करंट फैलाया गया था, उसी में बाघ टी-43 फंस चुका था। बोलेरो सवारों द्वारा तत्काल इसकी सूचना संजय टाईगर रिजर्व के कर्मचारियों को दी गई। सूचना मिलते ही तत्काल टाईगर रिजर्व की टीम मौके पर पहुंची लेकिन शिकारी वहां से भाग चुके थे और बाघ की मौत हो गई थी। टाईगर रिजर्व की टीम द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों को घटना की जानकारी देने के पश्चात पूरी रात मृत बाघ की रखवाली में मुस्तैद रही।
खोजी कुत्ते की ली गई मदद
मंगलवार की सुबह खोजी कुत्ते के साथ विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। खोजी कुत्ते की मदद से अपराधियों तक पहुंचने के लिये दुबरी और वस्तुआ रेंज की टीमें लगी हुई थीं। खोजी कुत्ते की मदद से कुछ संदेहियों को पूंछतांछ के लिये बैठाया गया।
11 हजार केव्ही लाइन से कटिया फंसाकर करंट फैलाया
घटना की सूचना मिलने पर सुबह विद्युत वितरण केन्द्र मड़वास के कनिष्ठ यंत्री आकाश राजपूत भी विद्युत कर्मियों के साथ मौके पर पहुंचे। बताया गया है कि शिकारियों द्वारा 11 हजार केव्ही लाइन से कटिया फंसाकर करंट जीआई तार से फैलाया गया था। जिसका बिजली विभाग द्वारा विधिवत वीडियो शूट करके फैलाये गए तार को मौके पर पाया गया तथा उसे मेंन लाइन से डिस्कनेक्ट किया गया। ऐसा माना जाता है कि जंगल में रहने वाले शिकारियों की मंशा छोटे जानवरों का शिकार करने के लिये थी किन्तु उनके करंट में बाघ ही दुर्भाग्यवश फंस गया। जिन शिकारियों द्वारा करंट लगाया गया था उनके द्वारा अक्सर छोटे जानवरों का शिकार इसी तरह से किया जाता है।
वन अपराध दर्ज कर विवेचना हुई शुरू
क्षेत्र संचालक संजय टाइगर रिजर्व ने जानकरी देकर बताया कि आज दिनांक 19 अगस्त 25 को रात्रि 12:05 बजे दुबरी परिक्षेत्र की खरबर बीट में 1 बाघ मृत पाया गया है। सूचना प्राप्त होते ही दुबरी परिक्षेत्र के अधिकारीध्कर्मचारी मौके पर पहुंचे एवं घटना की सूचना वरिष्ठ अधिकारियों को दी गई। घटना दुबरी परिक्षेत्र के डेवा वृत्त की बीट खरबर के कक्ष क्रमांक 509 की है। मृत नर बाघ की पहचान टी-43 के रूप में की गई। बाघ के सभी अंग सुरक्षित पाये गये हैं। प्राथमिक जांच में बाघ की मृत्यु ग्रामीणों द्वारा फसल बचाने के लिए लगाये गये बिजली के तार में फंसने से होना प्रतीत होता है। बाघ का पोस्टमार्टम तीन डॉक्टरों के दल द्वारा किया गया। अग्रिम फॉरेंसिक जॉच हेतु बाघ का विसरा एकत्रित किया गया है। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के प्रोटोकॉल के अनुसार अमित कुमार दुबे क्षेत्र संचालक संजय टाइगर रिजर्व सीधी, कैलाश तिवारी प्रतिनिधि एनटीसीए एवं अन्य अधिकारियों की उपस्थिति में बाघ के शव को जंगल के राजा की मान्यता की मयार्दा के मुताबिक चिता बनाकर उसे अग्नि को समर्पित किया गया। वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत वन अपराध प्रकरण क्रमांक 562/18 दिनांक 19 अगस्त 2025 जारी कर प्रकरण में विवेचना की जा रही।
एक साल के अन्दर दूसरे बाघ का हुआ करेंट से शिकार
बीते सितम्बर 2024 में भी ब्यौहारी रेंज अन्तर्गत ग्राम बोदारी में एक नर बाघ टी- 33 को शिकारियों द्वारा मारकर सूखे कुँए में डालने का मामला प्रकाश में आया था, वहीं लगभग एक वर्ष के अन्दर ही अब दूसरा बाघ टी- 43 भी शिकारियों के करंट की भेंट चढ़ गया। अब देखना होगा की जांच में क्या निकल कर आता है? जबकि सूत्रों की माने तो कुछ संदेहियों को पकड़ कर विभाग द्वारा पूछताछ भी किया जा रहा है।