सांची/रायसेन। वैसे तो इस स्थल पर करोड़ों की लागत से निर्माण हो चुके हैं तथा निर्माण जारी है बावजूद इसके बारिश से नगर की मुख्य सडको पर पानी लगातार भरता दिखाई दे रहा है।दूसरी और लंबे समय से किसानों को धान फसल के लिए बेसब्री से बारिश का इंतजार था भारी बारिश होने से किसानों के चेहरों पर मुस्कान आ गई। वहीं नाले निर्माण तब पानी निकासी मे असफल साबित हो चुके जब नगर का पानी निकास न होने से बारिश के पानी से सडके लबालब दिखाई देती रही तथा नाले निर्माण की कलई खुल गई लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पडता रहा। अब एक बार फिर नगर परिषद प्रशासन द्वारा लगभग पौने तीन करोड़ रुपए की लागत से लगभग दो किमी लंबे नाले का निर्माण कार्य कराया जा रहा है हालांकि इस नाले का भी आधा सा निर्माण होना बताया जाता है। यह नाला निर्माण भी काफी विवादों में घिरा रहा जैसे तैसे नाला निर्माण कार्य ने अपनी गति पकडी कि बारिश ने भी अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया जिससे यह निर्माण अधूरा ही रह सका। इस नाले निर्माण कार्य के चलते नगर के पानी निकासी व्यवस्था भी अधर मे लटक कर रह गई। आज जब सुबह से ही भारी बारिश ने अपना रौद्र रूप दिखाया तो स्तूप रोड रामलीला रोड पर पूरी तरह जलमग्न जैसा नजारा दिखाई दिया पानी निकासी न होने से लोगो को खासी परेशानी उठानी पड़ी। इतना ही नहीं पानी निकासी न होने से स्तूप मार्ग एवं इसी रोड पर सिविल अस्पताल तक पहुंचना मुश्किल हो गया। रोड पर जलमग्न जैसे हालात बन गये तथा अस्पताल परिसर में भी पानी भरा दिखाई दिया इस जलमग्न जैसे हालात में वाहनों की दौड़ भाग तो लगी रही। पैदल चलने वाले लोगों को खासी मशक्कत करनी पड़ी इसके साथ ही इसी मार्ग पर विद्धुत केंद्र है यह परिसर भी पानी से अछूता नहीं रह सका। तब आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि नगर में करोड़ों रुपए की लागत से निर्मित हो चुके एवं निर्माणाधीन होने के बाद भी पानी निकासी न होने से नालों के निर्माण पर करोड़ों रुपए की राशि सम्बंधित विभागों द्वारा फूंकने का सिलसिला जारी है। सम्बंधित वरिष्ठ अधिकारी भी बेफिक्र होकर चुप्पी साध चुके हैं जो कहीं न कहीं संदेहास्पद बन चुके हैं।
भारी बारिश से किसानों के चेहरों पर आई मुस्कान :-
बारिश के शुरुआती दिनों में बारिश ने लोगों सहित किसानों को राहत पहुंचा दी थी इससे किसानों ने अपनी धान की फसल की तैयारी शुरू कर दी थी। परन्तु जैसे ही धान फसल रोपाई का सिलसिला शुरू हुआ कि बरसात थम गई जिससे किसानों मे अपनी रोपाई गई धान फसल पर संकट पडता दिखाई देने लगा जिससे किसानों की चिंता बढ गई परन्तु जैसे ही भारी बारिश शुरू हुई तो किसानों को भी अपनी फसल बचने की उम्मीद बढ गई तथा किसानो के चेहरे पर मुस्कान लौट आई। धान के गड़े भी लबालब दिखाई देने लगे।
सांची नगर के गढ्ढे भरे :-
नगर में हुई तेज बारिश से गलीकूचो सहित अन्य स्थानों पर बारिश के पानी से गढ्ढे लबालब भरे दिखाई दिये परन्तु पानी निकासी समस्या न होने से लोगों को खासी परेशानी से जूझना पड़ रहा है। नाम न छापने की शर्त पर एक जनप्रतिनिधि ने बताया कि इस नगर में विकास के नाम पर हर साल करोड़ों रुपए फूंक दिए जाते है सडके नाली नाले सडको की गुणवत्ता को दरकिनार कर लापरवाही भृष्टाचार कमीशन खोरी के चलते निर्माण के नाम पर खानापूर्ति की जाती है जिसकी थोड़ी सी बारिश में ही कल ई खुल जाती हैं ऐसे निर्माणों मे अफसर शाही व राजनीतिक गठजोड़ के चलते कोई कार्यवाही न होना चिंता का विषय होता है।