सरदार वल्लभ भाई पटेल की 150वीं जयंती पर भोपाल के शौर्य स्मारक पर एकता दिवस का कार्यक्रम हुआ। वहीं शौर्य स्मारक से लाल परेड ग्राउंड तक करीब दो हजार युवाओं ने दौड़ लगाकर एकता का संदेश दिया। सीएम डॉ. मोहन यादव ने शौर्य स्मारक से रन फॉर यूनिटी को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
By: Arvind Mishra
Oct 31, 20251:54 PM

भोपाल। स्टार समाचार वेब
सरदार वल्लभ भाई पटेल की 150वीं जयंती पर भोपाल के शौर्य स्मारक पर एकता दिवस का कार्यक्रम हुआ। कार्यक्रम में सीएम डॉ. मोहन यादव, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल, पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह, पर्यटन मंत्री धर्मेंद्र लोधी, ओबीसी एवं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री कृष्णा गौर, विधायक भगवान दास सबनानी और पुलिस विभाग के कई अफसर मौजूद थे। वहीं शौर्य स्मारक से लाल परेड ग्राउंड तक करीब दो हजार युवाओं ने दौड़ लगाकर एकता का संदेश दिया। सीएम डॉ. मोहन यादव ने शौर्य स्मारक से रन फॉर यूनिटी को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस मौके पर सीएम ने भारत माता और सरदार पटेल के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए कहा कि अगर हम सब सरदार पटेल के दिखाए मार्ग पर चलें, तो दुनिया की कोई ताकत भारत की ओर बुरी नजर से नहीं देख पाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब भारत आजादी की ओर बढ़ रहा था, तब कई महान हस्तियों ने अपने-अपने स्तर पर देश के लिए योगदान दिया, लेकिन उनमें सरदार पटेल का योगदान सबसे विलक्षण था। एक साधारण किसान परिवार से निकले पटेल ने अपनी प्रतिभा, समर्पण और दृढ़ इच्छाशक्ति से देश की अखंडता को बचाया। सरदार पटेल को बारदोली सत्याग्रह के बाद ‘सरदार’ की उपाधि मिली थी और इसके बाद महात्मा गांधी के हर आंदोलन में उन्होंने अहम भूमिका निभाई।
सीएम ने कहा-अंग्रेजों की साजिश थी कि भारत को कई हिस्सों में बांट दिया जाए। उन्होंने 562 रियासतों को स्वतंत्र छोड़ने की योजना बनाई थी ताकि भारत हमेशा कमजोर बना रहे। लेकिन सरदार पटेल ने अपनी दूरदृष्टि और राजनीतिक कौशल से इन रियासतों को एक-एक कर भारत संघ में मिलाने का ऐतिहासिक कार्य किया। पटेल ने न केवल तत्कालीन भारत को एक सूत्र में पिरोया, बल्कि भविष्य को ध्यान में रखते हुए भारतीय प्रशासनिक सेवा जैसी मजबूत प्रणाली की नींव रखी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरदार पटेल ने केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक एकता का भी नेतृत्व किया। उन्होंने सोमनाथ मंदिर के जीर्णोद्धार का कार्य समाज के सहयोग से करवाया और राष्ट्र का आत्मसम्मान पुनर्जीवित किया। आज जब राम मंदिर का निर्माण हो रहा है, यह उसी भावना का प्रतीक है जिसे सरदार पटेल ने जीवित किया था।
आज के भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरदार पटेल के विचारों पर अडिग हैं। पटेल जी ने कहा था कि देश के मसले देश के ही लोग सुलझाएंगे। प्रधानमंत्री मोदी भी इसी मार्ग पर चल रहे हैं और किसी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप को स्वीकार नहीं करते। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरदार पटेल की प्रतिमा स्टैच्यू आॅफ यूनिटी प्रधानमंत्री मोदी की ओर से राष्ट्र को समर्पित एक महान प्रेरणा है, जो आने वाली पीढ़ियों को देश की एकता और अखंडता का संदेश देती है।
कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री ने सभी को राष्ट्रीय एकता दिवस की शुभकामनाएं दीं और कह कि आइए हम सब मिलकर सरदार पटेल को स्मरण करें। उनके दिखाए मार्ग पर चलना ही भारत की शक्ति और सुरक्षा की सबसे बड़ी गारंटी है।
इधर, इंदौर पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि भारत के विभाजन के पीछे जिन्ना और सावरकर थे। 1947 में भारत का विभाजन करवाया था। वहीं भाजपा द्वारा आयोजित रन फॉर यूनिटी को लेकर पूछे गए सवाल पर सिंह ने कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में भाजपा आयोजित रन फॉर यूनिटी करा रही है। हम इस आयोजन का स्वागत करते हैं, लेकिन यह मत भूलिए कि 31 अक्टूबर को शहादत दिवस भी है। वर्ष1984 में पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की उनके अंगरक्षकों ने हत्या कर दी थी। सिंह ने यह भी कहा कि देश में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण की आड़ में नागरिकता के प्रमाण एकत्र किए जा रहे हैं। दोहरी इंजन वाली सरकारों में बीएलओ भाजपा कार्यकर्ताओं की तरह काम कर रहे हैं।