By: Arvind Mishra
Jun 19, 202510:42 AM
इस्राइल और ईरान के बीच चल रहे युद्ध को देखते हुए वहां रह रहे हजारों भारतीयों को सुरक्षित घर वापसी के लिए भारत सरकार ने आपरेशन सिंधु की शुरुआत की है। ईरान से भारत लाए जा रहे छात्रों का पहला जत्था गुरुवार को सुबह भारत पहुंचा। पहले जत्थे में 110 से ज्यादा छात्र शामिल हैं। वहीं दिल्ली पहुंचे छात्रों ने कहा कि भारतीय अधिकारी अच्छा काम कर रहे हैं। सभी छात्रों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा रहा है। दरअसल, ईरान की उर्मिया मेडिकल यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे लगभग 110 भारतीय छात्र सुरक्षित भारत पहुंच गए हैं। इनमें से 90 छात्र कश्मीर के हैं। ईरान-इजराइल जंग में फंसे छात्रों को वापस लाने के लिए सरकार ने आपरेशन सिंधु शुरू किया है। भारत पहुंचे छात्रों ने बताया कि वहां के हालात हर दिन खराब होते जा रहे हैं। खासकर तेहरान में स्थिति बहुत खराब है। युद्ध अच्छी चीज नहीं है। इंसानियत ही मारी जाती है। ईरान से निकाले गए ये छात्र मंगलवार को आर्मेनिया पहुंचे थे, जहां उन्हें राजधानी येरेवन के होटलों में ठहराया गया। इसके बाद इन्हें कतर के रास्ते भारत लाया गया।
इंडिगो की एक फ्लाइट आर्मेनिया के येरेवन एयरपोर्ट से इन छात्रों को लेकर कतर की राजधानी दोहा के लिए रवाना हुई थी। इसके बाद एक दूसरी फ्लाइट से इन्हें दोहा से नई दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट लाया गया। मंगलवार को भारतीय विदेश मंत्रालय ने छात्रों को ईरान से बाहर निकालने की पुष्टि की थी। ईरान से भारत पहुंची मरियम रोज ने कहा कि भारतीय दूतावास ने हमारे लिए सब कुछ तैयार रखा था। हमें ज्यादा समस्या नहीं हुई।
सभी छात्रों को आर्मेनिया बॉर्डर पर नॉरदुज चौकी से बसों में निकाला गया। ईरान में 1,500 स्टूडेंट्स सहित लगभग 10 हजार भारतीय फंसे हैं। ईरानी विदेश मंत्रालय ने कहा था कि मौजूदा हालात में देश के एयरपोर्ट भले ही बंद हैं, लेकिन लैंड बॉर्डर्स खुले हुए हैं। मंत्रालय ने विदेशी नागरिकों से ईरान छोड़ने से पहले अपना नाम, पासपोर्ट नंबर, गाड़ी डिटेल्स, देश से निकलने का समय और जिस बॉर्डर से जाना चाहते हैं, उसकी जानकारी मांगी थी।