पश्चिम एशियाई देश सीरिया में गृह युद्ध के बाद हालात बद से बदतर हैं। देश की 90 फीसदी आबादी गरीबी में जी रही है। वहीं विश्व बैंक ने अनुमान लगाया है कि देश को फिर से बसाने में 1900 लाख करोड़ (216 अरब डॉलर) की जरूरत पड़ेगी।
By: Sandeep malviya
Oct 21, 20258:08 PM
दमिश्क। विश्व बैंक ने मंगलवार को एक आकलन में कहा कि सीरिया को गृह युद्ध के बाद फिर से खड़ा करने के लिए लगभग 216 अरब अमेरिकी डॉलर (1900 लाख करोड़ रुपये) की आवश्यकता होगी। यह राशि लगभग 2024 में सीरिया के कुल राष्ट्रीय उत्पादन (जीडीपी) के दस गुना के बराबर है। सीरिया का सिविल युद्ध 2011 में शुरू हुआ था, जब तत्कालीन राष्ट्रपति बशर अल-असद के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए। इन प्रदर्शनों पर कड़ी कार्रवाई की गई और धीरे-धीरे यह सशस्त्र संघर्ष में बदल गया। दिसंबर में, बगावती मोर्चे ने तेजी से हमले के बाद असद को सत्ता से हटा दिया।
संघर्ष ने देश के बड़े हिस्सों को किया तबाह
इस संघर्ष ने देश के बड़े हिस्सों को बर्बाद कर दिया और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे जैसे बिजली ग्रिड को भी बहुत नुकसान पहुंचाया। विश्व बैंक के अनुसार, पूरे देश को फिर से बनाने की लागत 140 अरब डॉलर (लगभग 1231 लाख करोड़ रुपये) से 345 अरब डॉलर (लगभग 3035 लाख करोड़ रुपये) तक हो सकती है, लेकिन उनका 'संरक्षित सर्वोत्तम अनुमान' 216 अरब डॉलर (1900 लाख करोड़ रुपये) है।
किस क्षेत्र में सीरिया को कितना नुकसान?
विश्व बैंक के अनुसार, सीरिया में इन्फ्रास्ट्रक्चर में करीब 82 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है, आवासीय भवनों का नुकसान का आंकड़ा करीब 75 अरब डॉलर है। जबकि गैर-आवासीय संरचनाओं का नुकसान का आंकड़ा 59 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। विशेष रूप से अलेप्पो प्रांत और दमिश्क के आसपास के इलाके, जहां सबसे भारी लड़ाइयां हुईं, उन्हें सबसे ज्यादा निवेश की आवश्यकता होगी।
सहयोग और निवेश के समझौतों के बाद भी संकट
विश्व बैंक के मध्य पूर्व निदेशक जां-क्रिस्टोफ कैरेट ने कहा, 'आगे चुनौतियां बहुत बड़ी हैं, लेकिन विश्व बैंक सीरियाई लोगों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ मिलकर पुनर्निर्माण और सुधार में सहयोग के लिए तैयार है।' हालांकि असद को सत्ता से हटाने के बाद पश्चिमी देशों के साथ कूटनीतिक संबंध फिर से स्थापित हो गए हैं और खाड़ी देशों के साथ अरबों डॉलर के निवेश समझौते किए गए हैं, फिर भी देश अभी वित्तीय संकट से जूझ रहा है।
सीरिया की 90 फीसदी आबादी गरीब- यूएन
संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोप ने असद शासन के दौरान लगाए गए कई प्रतिबंध हटा दिए हैं, लेकिन इसका जमीन पर प्रभाव अब तक सीमित रहा है। अंतरराष्ट्रीय सहायता में कटौती ने आम लोगों की जीवन स्थिति को और खराब कर दिया है। संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि सीरिया की 90 प्रतिशत आबादी गरीबी में जी रही है।