यमन के रणनीतिक बंदरगाह शहर मुकल्ला पर सऊदी अरब की बमबारी के बाद खाड़ी क्षेत्र में तनाव और गहरा गया है। संयुक्त अरब अमीरात ने घोषणा की कि वह सऊदी अरब से अपने सैनिकों को वापस बुलाएगा।
By: Arvind Mishra
Dec 31, 202510:06 AM
नई दिल्ली। स्टार समाचार वेब
यमन के रणनीतिक बंदरगाह शहर मुकल्ला पर सऊदी अरब की बमबारी के बाद खाड़ी क्षेत्र में तनाव और गहरा गया है। संयुक्त अरब अमीरात ने घोषणा की कि वह सऊदी अरब से अपने सैनिकों को वापस बुलाएगा। यह फैसला ऐसे समय लिया गया है जब सऊदी अरब ने आरोप लगाया कि यमन पहुंचे एक जहाज के जरिये यूएई से हथियार भेजे गए थे, जिसे निशाना बनाकर हमला किया गया। यूएई के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि वह सुरक्षा कारणों और आतंकवाद-रोधी अभियानों की प्रभावशीलता को ध्यान में रखते हुए अपने बचे हुए सैन्य कर्मियों को स्वेच्छा से वापस बुलाएगा। यूएई के विदेश मंत्रालय ने यमन में हथियार भेजने के आरोपों को खारिज किया है।
आतंक के खिलाफ लड़ाई
मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि यूएई यमन की संप्रभुता का पूरा सम्मान करते हुए वैध सरकार की बहाली और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई का समर्थन कर रहा है। यूएई का कहना है कि मुकल्ला पहुंचे जहाज में हथियार नहीं, बल्कि वहां तैनात यूएई सैनिकों के इस्तेमाल के लिए वाहन थे।
यमन के भविष्य पर यमनी पक्षों का अधिकार
यूएई इससे पहले भी कह चुका है कि यमन की शासन व्यवस्था और क्षेत्रीय अखंडता का फैसला यमनी पक्षों को स्वयं करना चाहिए, न कि बाहरी ताकतों को। यूएई के फुजैरा से रवाना हुआ एक जहाज यमन के मुकल्ला बंदरगाह पहुंचा। इसके कुछ ही समय बाद सऊदी अरब ने मुकल्ला पर बमबारी की। सऊदी अरब का आरोप है कि यह खेप अबू धाबी समर्थित सदर्न ट्रांजिशनल काउंसिल को हथियार देने के लिए भेजी गई थी।
यमनी सेना के बीच बढ़ता टकराव
एसटीसी अप्रैल 2017 से दक्षिणी यमन में अलग संप्रभुता की मांग कर रहा है। इसके विपरीत यमनी सेना हद्रामौत ट्राइबल एलायंस के साथ खड़ी है। जिसे सऊदी अरब का समर्थन प्राप्त है। दोनों गुटों के बीच टकराव ने क्षेत्र को और अस्थिर बना दिया है। इस महीने की शुरुआत में एसटीसी ने यमन के हद्रामौत और महरा प्रांतों के बड़े हिस्सों पर नियंत्रण कर लिया, जिनमें तेल प्रतिष्ठान भी शामिल हैं। इसके बाद से क्षेत्र में तनाव लगातार बढ़ रहा है।
अलगाववादियों को चेतावनी
सऊदी अरब ने हद्रामौत क्षेत्र में हवाई हमले किए थे। विश्लेषकों के मुताबिक, ये हमले अलगाववादी ताकतों को चेतावनी देने के लिए थे कि वे आगे बढ़ना रोकें और हद्रामौत व महरा प्रांतों से पीछे हटें। हालिया घटनाक्रम ने दक्षिणी यमन में एसटीसी की स्थिति को और मजबूत किया है, जिससे उसे भविष्य में यमन संकट के समाधान को लेकर होने वाली किसी भी बातचीत में अधिक प्रभाव मिल सकता है।