यह देश में पहली बार है जब किसी शहर ने वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए ऊंची इमारतों को कानूनी रूप से शामिल किया है। एंटी-स्मॉग गन लगाने का आदेश व्यावसायिक परिसरों, मॉल, होटलों और संस्थागत भवनों पर लागू होगा।
By: Star News
May 31, 202512:20 PM
-दिल्ली की रेखा सरकार की चेतावनी-अगर नहीं लगाया तो होगी सख्त कार्रवाई
-आदेश व्यावसायिक परिसरों, मॉल, होटल, संस्थागत भवनों पर होगा लागू
नई दिल्ली। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि राजधानी की वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए सरकार ने ऊंची इमारतों पर सालभर एंटी-स्मॉग गन लगाना अनिवार्य कर दिया है। यह हमारे बच्चों की शुद्ध सांसों के लिए उठाया गया ऐतिहासिक कदम है। अब न अनदेखी चलेगी और न ही बहानों की कोई जगह है। गौरतलब है कि यह देश में पहली बार है जब किसी शहर ने वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए ऊंची इमारतों को कानूनी रूप से शामिल किया है। एंटी-स्मॉग गन लगाने का आदेश व्यावसायिक परिसरों, मॉल, होटलों और संस्थागत भवनों पर लागू होगा। इसका निर्मित क्षेत्र 3,000 वर्ग मीटर से ज्यादा होगा और ऊंचाई ग्राउंड फ्लोर के अलावा 5 मंजिल या उससे अधिक होगी। आवासीय भवनों, ग्रुप हाउसिंग सोसाइटियों और व्यक्तिगत मकानों को इसमें छूट दी गई है। एंटी-स्मॉग गन की तैनाती 6 महीने के भीतर करनी होगी। 15 जून से 1 अक्टूबर (मानसून अवधि) को छोड़कर सालभर इन्हें चलाना अनिवार्य होगा।
सिविक एजेंसियां रखेंगी नजर
दिल्ली सरकार के निर्देश को लागू कराने की जिम्मेदारी दिल्ली नगर निगम, डीडीए, पीडब्ल्यूडी, सीपीडब्ल्यूडी, एनबीसीसी, डीएसआईआईडीसी और अन्य संबंधित एजेंसियों को सौंपी गई है। इन्हें हर तीन महीने में रिपोर्ट पेश करनी होगी, जिसमें कार्रवाइयों, निगरानी और दंड का पूरा विवरण शामिल होगा।
जारी किए दिशा निर्देश
10,000 वर्ग मीटर से कम क्षेत्र वाली इमारतों के लिए न्यूनतम 3 एंटी-स्मॉग गन अनिवार्य होंगी। अतिरिक्त 5,000 वर्ग मीटर पर 1 और गन लगानी होगी। ये गन स्थायी ब्रैकेट पर परापेट वॉल पर लगाई जाएंगी, जिनकी क्षैतिज थ्रो क्षमता 75-100 मीटर और मिस्ट ड्रॉपलेट्स 5-20 माइक्रॉन होने चाहिए। संचालन अधिकतम 1,200 लीटर प्रति घंटा या 8 घंटे में 10,000 लीटर से अधिक नहीं होगा। गन को दिन में तीन बार तेज गति से चलाना होगा, ताकि पीएम 2.5 और पीएम 10 जैसे कणों को दबाया जा सके।