मध्यप्रदेश का स्वास्थ्य विभाग अक्सर सुर्खियों में रहता है। राजधानी भोपाल से लेकर जिला और संभाग स्तर तक खामियां उजागर हो चुकी हैं। इससे बाद भी जिम्मेदार व्यवस्थाओं को सुधारने पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। दरअसल, मध्य प्रदेश में राज्यपाल मंगूभाई पटेल का ब्लड प्रेशर चेक करने में लापरवाही उजागर हुई है।
By: Arvind Mishra
Sep 25, 202512:11 PM
ग्वालियर। स्टार समाचार वेब
अपने चर्चित कारनामों के चलते मध्यप्रदेश का स्वास्थ्य विभाग अक्सर सुर्खियों में रहता है। राजधानी भोपाल से लेकर जिला और संभाग स्तर तक खामियां उजागर हो चुकी हैं। इससे बाद भी जिम्मेदार व्यवस्थाओं को सुधारने पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। दरअसल, मध्य प्रदेश में राज्यपाल मंगूभाई पटेल का ब्लड प्रेशर चेक करने में लापरवाही उजागर हुई है। विभाग का यह चौंकाने वाला कारनामा तीन दिन बाद सामने आया है। अब जिम्मेदार डॉक्टर और चिकित्सा अधिकारी मुश्किल में पड़ गए हैं। इस चूक जागे स्वास्थ्य विभाग में नोटिसों का दौर शुरू हो गया है। गत 22 सितंबर को ग्वालियर की जीवाजी यूनिवर्सिटी में दीक्षांत समारोह का आयोजित किया गया था। इसमें शाामिल होने के लिए भोपाल से राज्यपाल मंगूभाई पटेल पहुंचे थे। जहां राज्यपाल रात मुरार गेस्ट हाउस में ठहरे थे। सुबह उनके नियमित चेकअप के लिए डॉक्टरों की एक टीम पहुंची और जब बीपी चेक किया गया तो मशीन की ही सांस फूल गई। बीपी की मशीन एरर बताने लगी। बार-बार कोशिश करने पर भी राज्यपाल का बीपी नहीं माप सकी। इससे मौके पर मौजूद डॉक्टर और अफसर पसीना-पसीना हो गए।
जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सचिन श्रीवास्तव ने बताया कि बीपी मशीन की बैटरी खराब हो गई थी। हालांकि, डॉक्टरों ने तुरंत मशीन की बैटरी बदली गई और राज्यपाल का रक्तचाप मापा गया। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सिविल सर्जन को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया गया है। सीएमएचओ ने नोटिस में लिखा-राज्य शासन द्वारा सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक के रूप में आपको यह जिम्मेदारी सौंपी गई है कि आप अपने पदीय दायित्वों का सही तरीके से निर्वहन करें, लेकिन राज्यपाल के ग्वालियर आगमन के दौरान ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर द्वारा बीपी चेक करते समय मशीन में एरर आया, जिससे बीपी जांच नहीं हो सकी। यह घटना घोर लापरवाही है। इस पर स्वयं दें स्पष्टीकरण, नहीं तो अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
सीएमएचओ ने यह निर्देश दिए हैं कि सिविल सर्जन इस मामले में पहले तो संबंधित ड्यूटी डॉक्टर से स्पष्टीकरण लें। साथ ही स्वयं भी इस चूक को लेकर अपना मप्र सिविल सेवा नियम 1966 के स्पष्टीकरण पेश करें। अन्यथा, अनुशासनात्मक कार्रवाई प्रस्तावित की जाएगी, जिसकी जिम्मेदारी स्वयं सिविल सर्जन की होगी।
उधर, नोटिस मिलने के बाद आनन-फानन में सिविल सर्जन डॉ. आरके शर्मा ने भी इसी मामले में लापरवाही को लेकर ड्यूटी डॉक्टर राहुल श्रीवास्तव को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। अभी जिम्मेदरों को नोटिस के जवाब का इंतजार है। अब यहां देखना यह दिलचस्प होगा कि राज्यपाल के साथ हुई इस चूक पर विभाग क्या एक्शन लेता है।