अहमदाबाद में 12 जून को हुए एयर इंडिया के बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान हादसे की जांच में सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है। दरअसल, दावा किया जा रहा है कि एयर इंडिया विमान के ब्लैक बॉक्स को नुकसान पहुंचा है।
By: Arvind Mishra
नई दिल्ली। स्टार समाचार बेव
अहमदाबाद में 12 जून को हुए एयर इंडिया के बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान हादसे की जांच में सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है। दरअसल, दावा किया जा रहा है कि एयर इंडिया विमान के ब्लैक बॉक्स को नुकसान पहुंचा है। डेटा रिकवरी की प्रक्रिया को जारी रखने के लिए इसे अमेरिका भेजा जा सकता है। यदि ब्लैक बॉक्स वाशिंगटन डीसी स्थित नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड को भेजा जाता है, तो भारतीय अधिकारियों की एक टीम भी उसके साथ जाएगी ताकि अंतरराष्ट्रीय प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित किया जा सके। वहीं दूसरी ओर विमान दुर्घटना के बाद नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने एक सख्त कदम उठाया है। मंत्रालय ने विमान सुरक्षा के लिए जोखिम पैदा करने वाली भौतिक संरचनाओं पर नियंत्रण को कड़ा करने के लिए नए मसौदा नियम जारी किए हैं।
नए मसौदा नियमों का नाम विमान (अवरोधों को गिराने के नियम)-2025 रखा गया है। ये नियम राजपत्र में प्रकाशित होते ही प्रभाव में आ जाएंगे। इनका उद्देश्य एयरपोर्ट के आसपास निर्धारित क्षेत्रों में ऊंचाई की सीमा से अधिक इमारतों और पेड़ों पर त्वरित कार्रवाई के लिए अधिकारियों को अधिकार देना है। इस पहल को विमान मार्गों में आने वाली रुकावटों के कारण होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए एक सक्रिय कदम के रूप में देखा जा रहा है।
मसौदा नियमों के तहत यदि कोई संरचना तय ऊंचाई से अधिक पाई जाती है तो संबंधित क्षेत्र के प्रभारी अधिकारी की ओर से नोटिस जारी किया जाएगा। संपत्ति मालिक को 60 दिनों के भीतर साइट प्लान और ढांचे की माप समेत अन्य विवरण प्रस्तुत करने होंगे। यदि ऐसा नहीं किया गया तो अधिकारियों को ढांचे को गिराने या ऊंचाई कम करने की कार्रवाई का अधिकार होगा।
यदि डीजीसीए या कोई अधिकृत अधिकारी किसी ढांचे को नियमों का उल्लंघन मानता है तो वो इसे हटाने या कम करने का आदेश जारी कर सकता है। मालिक को पालन करने के लिए 60 दिन का समय मिलेगा, जो उचित कारणों पर और 60 दिन तक बढ़ाया जा सकता है।
अधिकारियों को दिन के समय स्थल का निरीक्षण करने की अनुमति होगी, बशर्ते वो संपत्ति मालिक को पहले से सूचित करें। अगर संपत्ति मालिक सहयोग नहीं करता तो अधिकारी उपलब्ध जानकारी के आधार पर आगे की कार्रवाई कर सकते हैं और मामला डीजीसीए को भेज सकते हैं।
नए मसौदे में मुआवजे की शर्तें भी रखी गई हैं। सिर्फ वो मालिक जिन्हें आधिकारिक आदेशों के अनुसार ढांचे को गिराने या संशोधित करने के लिए कहा गया है और जिन्होंने आदेश का पालन किया है, उन्हें भारतीय वायुवहन अधिनियम-2024 की धारा 22 के तहत मुआवजा दिया जाएगा। अधिसूचना की तिथि के बाद नियमों का उल्लंघन कर बनाए गए किसी भी ढांचे को मुआवजा नहीं मिलेगा।