विजयन ने कहा कि राज्य में 59 राहत शिविर बनाए गए हैं और लगभग 1,200 लोगों को वहां स्थानांतरित किया गया है। उन्होंने कहा कि बाढ़, अचानक बाढ़, भूस्खलन और तेज हवा से जान-माल की क्षति की आशंका के मद्देनजर राज्य के विभिन्न जिलों में स्वयंसेवकों, आपातकालीन प्रतिक्रिया दलों और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की इकाइयां तैनात की गई हैं।
By: Prafull tiwari
May 29, 202510:16 PM
तिरुवनंतपुरम। केरल में मानसून ने निर्धारित समय से आठ दिन पहले 24 मई को दस्तक दी थी। जिसके बाद से राज्य में लगातार मूसलाधार बारिश हो रही है। यहीं नहीं भारी बारिश के कारण राज्य में भारी तबाही की भी खबरें सामने आ रही है। केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने गुरुवार को कहा कि इस वर्ष समय से पहले आए मानसून की वजह से हो रही मूसलाधार बारिश से राज्य में व्यापक नुकसान हुआ है। उन्होंने बाढ़ और भूस्खलन की आशंका वाले क्षेत्रों में रहने वाले लोगों से सुरक्षित स्थानों या राहत शिविरों में चले जाने की अपील भी की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नदियों और अन्य जलाशयों का जल स्तर बढ़ रहा है, इसलिए लोगों को स्रान या अन्य गतिविधियों के लिए वहां जाते समय सावधानी बरतनी चाहिए।
उन्होंने मछुआरों को यह भी सलाह दी कि वे मछली पकड़ने के लिए निकलने से पहले अधिकारियों द्वारा जारी की गई चेतावनियों पर ध्यान दें। मुख्यमंत्री का यह बयान भारत मौसम विभाग (आईएमडी) द्वारा राज्य के आठ जिलों में गुरुवार के लिए जारी किए गए बारिश संबंधी रेड अलर्ट और भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र (आईएनसीओआईएस) द्वारा समुद्र में ऊंची लहरें उठने की चेतावनी जारी किये जाने के मद्देनजर आया है।
विजयन ने कहा कि राज्य में 59 राहत शिविर बनाए गए हैं और लगभग 1,200 लोगों को वहां स्थानांतरित किया गया है। उन्होंने कहा कि बाढ़, अचानक बाढ़, भूस्खलन और तेज हवा से जान-माल की क्षति की आशंका के मद्देनजर राज्य के विभिन्न जिलों में स्वयंसेवकों, आपातकालीन प्रतिक्रिया दलों और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की इकाइयां तैनात की गई हैं। उन्होंने कहा कि एनडीआरएफ र्किमयों की एक-एक इकाई इडुक्की, मलप्पुरम, कासरगोड और त्रिशूर जिलों में तैनात की गई है और एक जून से अलप्पुझा, पत्तनमथिप्ता, एर्णाकुलम, कोझीकोड और वायनाड जिलों में एक-एक इकाई मौजूद रहेगी और वे बारिश समाप्त होने तक वहां रहेंगी।
भारी बारिश और तेज हवाओं के कारण राज्य में कई पेड़ उखड़ गए तथा निचले इलाकों और नदियों के निकटवर्ती इलाकों में जलभराव और बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई। केरल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (केएसडीएमए) ने कहा कि भारी बारिश के कारण राज्य की विभिन्न नदियों मणिमाला, अचनकोविल, मीनाचिल, कोरापुझा और कबानी का जल स्तर तेजी से बढ़ रहा है। केएसडीएमए ने तटों के करीब रहने वाले लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। आईएनसीओआईएस ने तटीय क्षेत्रों के मछुआरों और अन्य निवासियों को सतर्क रहने की सलाह दी है, क्योंकि शुक्रवार रात 8.30 बजे तक केरल के तटों पर 1.2 से 3.7 मीटर ऊंची लहरें उठने की आशंका है।
आईएनसीओआईएस ने शुक्रवार रात तक राज्य के तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, अलप्पुझा, एर्णाकुलम और त्रिशूर के तटीय क्षेत्रों के लिए रेड अलर्ट और मलप्पुरम, कोझीकोड, कासरगोड और कन्नूर जिलों के लिए आॅरेंज अलर्ट जारी किया है। इसमें कहा गया है कि समुद्र में उथल-पुथल की आशंका है, इसलिए समुद्र में मछली पकड़ने तथा पर्यटन सहित सभी गतिविधियों से बचना चाहिए। इससे पहले आईएमडी ने पत्तनमथिप्ता, कोप्तायम, एर्णाकुलम, इडुक्की, कोझिकोड, वायनाड, कन्नूर और कासरगोड जिलों में बृहस्पतिवार के लिए रेड अलर्ट’ तथा शेष छह जिलों के लिए आॅरेंज अलर्ट’ जारी किया। इसके अलावा तीन जिलों - इडुक्की, कन्नूर और कासरगोड - के लिए शुक्रवार के लिए भी रेड अलर्ट’ तथा शेष 11 जिलों के लिए आॅरेंज अलर्ट’ जारी किया गया है।
रेड अलर्ट’ का अभिप्राय है कि 24 घंटे में 20 सेंटीमीटर से अधिक एवं मूसलाधार बारिश हो सकती है जबकि आॅरेंज अलर्ट’ का अर्थ है कि उक्त क्षेत्र में 24 घंटे की अवधि में 11 से 20 सेमी तक वर्षा हो सकती है। येलो अलर्ट’ का अभिप्राय है कि अधिसूचित क्षेत्र में छह से 11 सेमी बारिश हो सकती है। आईएमडी द्वारा जारी रेड अलर्ट’ के मद्देनजर कन्नूर और कासरगोड जिलों के शैक्षणिक संस्थानों में शुक्रवार को अवकाश घोषित कर दिया गया है। आईएमडी ने इससे पहले कहा था कि बंगाल की खाड़ी के ऊपर बने मजबूत निम्न दबाव के कारण राज्य के कुछ इलाकों में अगले कुछ दिन तक मूसलाधार बारिश हो सकती है। मौसम विभाग ने यह भी बताया कि राज्य के कुछ हिस्सों में मध्यम बारिश होने और 40 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने का अनुमान है।