मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में मंगलवार को दो दिवसीय कमिश्नर-कलेक्टर कॉफ्रेंस की शुरुआत हुई। इससे पहले मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में मुख्य सचिव अनुराग जैन ने पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया।
By: Arvind Mishra
Oct 07, 2025just now
भोपाल। स्टार समाचार वेब
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में मंगलवार को दो दिवसीय कमिश्नर-कलेक्टर कॉफ्रेंस की शुरुआत हुई। इससे पहले मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में मुख्य सचिव अनुराग जैन ने पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया। वहीं अफसरों को हिदायत देते हुए सीएम ने साफ शब्दों में कहा- सभी एक बात मन में बैठे लें, जनता का विश्वास ही हमारी सबसे बड़ी पूंजी है। हमें इसे हर हाल में कायम रखना है। मध्यप्रदेश में जवाबदेह, पारदर्शी शासन व्यवस्था स्थापित है। सीएम ने कहा- सुशासन के माध्यम से प्रदेश के समग्र और समावेशी विकास का लक्ष्य राज्य सरकार की प्राथमिकता है। इस दिशा में प्रशासनिक दक्षता, योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन और जनता से सीधा संवाद सबसे अहम भूमिका निभाते हैं। अधिकारी यह तय करें कि योजनाओं का लाभ अंतिम छोर पर बैठे नागरिक तक पहुंचे। सीएम न सख्त लहजे में कहा कि ऑफिस में बैठने से काम नहीं चलेगा। कुर्सी का मोह छोड़कर अधिकारी फील्ड में जाएं। गांवों का दौरा करें। जनता के बीच पहुंचकर उनकी समस्याओं को प्रत्यक्ष रूप से समझें और हो सके तो मौके पर ही समाधान करें। ईश्वर ने यदि हमें समाज के लिए काम करने का दायित्व दिया है तो हमें एक विनम्र विद्यार्थी की तरह दायित्व का इमानदारी से निर्वहन करना चाहिए।
सीएम ने कहा-प्रदेश में पारदर्शी शासन के साथ विकास की गति को और तेज करना है। इस दो दिवसीय कॉन्फ्रेंस में दो दिन ये मंथन किया जाएगा कि शासन व्यवस्था को और अधिक सहज, सरल, बेहतर, पारदर्शी कैसे बनाया जाए, ताकि योजनाओं का लाभ तेजी से जनता तक पहुंच सके। जिलों में तैनात अधिकारी अपने काम और नवाचार से अपनी पहचान कायम करें। किसी भी ज्वलंत विषय पर पूरी दक्षता और तथ्यों के साथ अपनी बात रखें।
सीएम ने कहा कि अक्सर सुनने में आता है कि अधिकारी जनता को समय नहीं देते। लोग मिल नहीं पाते। इस कमी को प्रमुखता से दूर करना होगा। स्थानीय जनता, जनप्रतिनिधियों और शासन, प्रशासन से निरंतर संवाद बनाकर रखें। सुझाव भी लें। अच्छी चीजें ग्रहण करने से परहेज न किया जाए। हर दिन, हर तरीके से नई चीजें सीखें और अपनी दक्षता और अनुभव से बेहतर क्रियान्वयन करें, लक्ष्य यह रखें कि नवाचार का समाज को लाभ मिले।