देशभर में चल रहे खात्मा अभियान के बीच मध्यप्रदेश में एक बार फिर नक्सली घुस आए हैं। दरअसल, मप्र छत्तीसगढ, महाराष्टÑ और झारखंड की सीमा से लगा हुआ है। उक्त राज्यों में जारी एक्शन से नक्सलियों में भगदड़ मच गई है। अब सुरक्षित ठिकाना बनाने मप्र के बालाघाट में प्रवेश किया है।
By: Arvind Mishra
बालाघाट। स्टार समाचार वेब
देशभर में चल रहे खात्मा अभियान के बीच मध्यप्रदेश में एक बार फिर नक्सली घुस आए हैं। दरअसल, मप्र छत्तीसगढ, महाराष्ट और झारखंड की सीमा से लगा हुआ है। उक्त राज्यों में जारी एक्शन से नक्सलियों में भगदड़ मच गई है। अब सुरक्षित ठिकाना बनाने मप्र के बालाघाट में प्रवेश किया है। हालांकि जिले में लंबे समय से पुलिस नक्सलियों पर हावी दिख रही है और लगातार उनके नेटवर्क को तोड़ने का काम कर रही है इसी बीच बीती रात नक्सलियों ने एक बड़ी घटना को अंजाम दिया है और ग्राम चौरिया के ग्रामीण देवेंद्र यादव को पुलिस का मुखबिर होने के संदेह पर अगवा कर लिया है।
घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस देवेंद्र को अगवा मानते हुए उसकी तलाश में जुट गई है। वहीं मौके पर मिले हाथ से लिखे नक्सली पर्चों की विवेचना भी की जा रही है। यहां पुलिस महानिरीक्षक बालाघाट जोन संजय सिंह ने बताया कि ग्राम चौरिया में देवेंद्र यादव के मिसिंग होने की जानकारी मिली है। मौके पर नक्सली लेटर भी मिले हैं जिसकी तफ्दीश की जा रही है। देवेंद्र के मिलने पर ही घटना की सही जानकारी मिल पाएगी की यह नक्सलियों द्वारा किया गया है या फिर कुछ और घटना है।
पिछले 14 माह में बालाघाट में नक्सलियों ने मुखबिरी के शक में चार ग्रामीणों की हत्या की है। नक्सली हिंसा और हमले की ताबड़तोड़ घटनाएं सबके लिए चिंता का विषय हैं। अब सरकार ने तय किया है कि नक्सलियों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए समर्पण नीति लागू की जाएगी।