मप्र में संविदाकर्मियों के लिए नई तबादला नीति लागू हो गई है। अब प्रदेश में संविदा कर्मचारियों के भी तबादले हो सकेंगे। इसके लिए कर्मचारी-अधिकारी को अपने वर्तमान पदस्थापना स्थल का एग्रीमेंट खत्म करना होगा।
By: Manohar pal
May 24, 202529 minutes ago
भोपाल। मप्र में संविदाकर्मियों के लिए नई तबादला नीति लागू हो गई है। अब प्रदेश में संविदा कर्मचारियों के भी तबादले हो सकेंगे। इसके लिए कर्मचारी-अधिकारी को अपने वर्तमान पदस्थापना स्थल का एग्रीमेंट खत्म करना होगा। इसके बाद जहां उसे नई पदस्थापना चाहिए, वहां नया एग्रीमेंट करना होगा। 30 मई तक होने वाले तबादलों के लिए पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग ने संविदा कर्मचारियों के लिए 23 मई को यह तबादला व्यवस्था लागू की है। एक स्थान से दूसरे स्थान पर जॉइन करने की इस प्रक्रिया को स्थान परिवर्तन कहा जाएगा। प्रदेश में कुल ढाई लाख संविदाकर्मी हैं। अभी पंचायत विभाग ने नीति लागू की है। बाद में बाकी विभाग भी तबादला नीति लागू करेंगे।
किसी भी समय समाप्त की जा सकती हैं सेवाएं
पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग में अलग-अलग योजनाओं और कार्यक्रमों के क्रियान्वयन के लिए नियुक्त संविदा कर्मचारियों को स्थान विशेष पर कार्य के लिए रखा जाता है। योजना के स्वरूप में बदलाव होने पर संविदा पर पदस्थ कर्मचारियों की सेवाएं किसी भी समय समाप्त की जा सकती हैं। वर्तमान में संविदा कर्मचारियों के पदस्थापना को संशोधित करने की कोई नीति नहीं है, इसलिए कुछ अपवाद परिस्थितियों में विभाग के संविदा कर्मचारियों को पदस्थापना में बदलाव के लिए यह नीति तय की गई है।
इन शर्तों के आधार पर संविदा कर्मचारियों के होंगे तबादले
पदस्थापना बदलने के पहले एग्रीमेंट समाप्त किया जाएगा।
नए कार्यस्थल पर नियोक्ता द्वारा नया संविदा कार्य सौंपा जाएगा।
एग्रीमेंट की कॉपी संबंधित योजना और कार्यक्रम के राज्य कार्यालय को भेजी जाएगी।
एक बार स्थान परिवर्तन होने पर पांच साल तक परिवर्तन नहीं करा सकेंगे।
स्थान परिवर्तन का आदेश होने के दो सप्ताह के भीतर कर्मचारी को कार्यमुक्त करना होगा।
नए स्थान पर एक सप्ताह के भीतर नए संविदा एग्रीमेंट की कार्रवाई पूरी करनी होगी।
नए कार्यस्थल के लिए यात्रा या अन्य भत्ते और छुट्टी की पात्रता नहीं होगी।
जिले के भीतर ऐसे हो सकेंगे ट्रांसफर
पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग द्वारा जिले के भीतर संविदा कर्मचारियों के ट्रांसफर को लेकर जो नीति तय की गई है, उसके अनुसार एक मई से 30 मई 2025 तक जिले के भीतर स्थान परिवर्तन या पदस्थापना में बदलाव का काम कलेक्टर द्वारा प्रभारी मंत्री के अनुमोदन के बाद किया जा सकेगा। पदस्थापना आदेश मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत द्वारा जारी किया जाएगा। जिले में काम करने वाले संविदा कर्मचारियों की कुल संख्या का 10 प्रतिशत ही पदस्थापना परिवर्तन किया जा सकेगा।
अंतर जिला ट्रांसफर के लिए यह होगी प्रोसेस
अंतर जिला ट्रांसफर केवल स्वैच्छिक आवेदन पर ही हो सकेंगे।
विवाहित, विधवा, तलाकशुदा महिलाओं को ऐसे जिले में भेजा जा सकेगा जिसमें उसका ससुराल, पति का निवास स्थान या स्वयं का परिवार निवास करता हो।
आवेदक स्वयं या उसके आश्रितों को कैंसर, ब्रेन ट्यूमर हो।
समान पद पर पदस्थ संविदा कर्मचारियों के परस्पर तबादले के स्वैच्छिक आवेदन के आधार पर तबादले हो सकेंगे।
एक जिले से अन्य जिले में स्थान परिवर्तन के लिए आवेदन योजना के राज्य कार्यक्रम अधिकारी को भेजा जाएगा।
राज्य कार्यक्रम अधिकारी द्वारा आवेदन का परीक्षण कर नियमानुसार निराकरण किया जाएगा।