ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने जानकारी दी है कि राज्य शासन द्वारा प्रदेश में 66 केवी या उससे अधिक क्षमता के विद्युत टॉवर लगाने और विद्युत पारेषण के लिए टॉवर लाइन बिछाने के लिए उपयोग में ली जाने वाली भूमि के प्रतिपूर्ति के संबंध में नए निर्देश जारी किए गए हैं।
By: Arvind Mishra
Nov 20, 20251:53 PM
भोपाल। स्टार समाचार वेब
ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने जानकारी दी है कि राज्य शासन द्वारा प्रदेश में 66 केवी या उससे अधिक क्षमता के विद्युत टॉवर लगाने और विद्युत पारेषण के लिए टॉवर लाइन बिछाने के लिए उपयोग में ली जाने वाली भूमि के प्रतिपूर्ति के संबंध में नए निर्देश जारी किए गए हैं। अब भूमि पर टॉवर लाइन बिछाने में हुई क्षति के लिए दी जाने वाली क्षतिपूर्ति के अतिरिक्त भूमि स्वामी को टॉवर की स्थापना के लिए उपयोग में ली गई भूमि के क्षेत्रफल के प्रचलित बाजार मूल्य का 200 प्रतिशत क्षतिपूर्ति राशि के रूप में दिया जाएगा। क्षतिपूर्ति के संबंध में भूमि निर्धारण के लिए टॉवर के 4 लेग के भीतर की भूमि के अतिरिक्त प्रत्येक ओर एक मीटर भूमि मुआवजे के लिए पात्र होगी। जिला कलेक्टर क्षतिपूर्ति राशि के निर्धारण के लिए प्राधिकृत होंगे। विद्युत पारेषण लाइन के नीचे टॉवर के दोनों ओर के मार्गाधिकार में स्थित भूमि के क्षेत्रफल के बाजार मूल्य (कलेक्टर गाइड लाइन) की 30 प्रतिशत प्रतिपूर्ति राशि दी जाएगी।
निर्माण की अनुमति नहीं होगी
विद्युत पारेषण लाइन के मार्गाधिकार के भीरत किसी भी तरह के निर्माण की अनुमति नहीं होगी। विशेष मामलों में निर्माण से पहले विद्युत निरीक्षक एवं विद्युत निरीक्षकालय के सक्षम प्राधिकारी से अनुमोदन प्राप्त करना जरूरी होगा। ऐसे प्रकरण जिनमें वैकल्पित क्षतिपूर्ति निगम/निकाय के माध्यम से प्राप्त होने वाली हो अथवा प्राप्त हो गई हो, के संबंध में निर्धारित क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान निगम/निकाय को किया जाएगा।
क्षतिपूर्ति भुगतान डिजिटल होगा
क्षतिपूर्ति भुगतान डिजिटल माध्यम से एक बार ही किया जाएगा। यह क्षतिपूर्ति राशि प्राप्त करने के बाद भी भूमि पूर्ववत भूमिस्वामी के नाम पर दर्ज रहेगी। मात्र कैफियत कॉलम में ट्रांसमिशन टॉवर-लाइन का विवरण दर्ज किया जाएगा। यह निर्देश केवल विद्युत पारेषण लाइन के लिए प्रभावी होंगे। इसके अंतर्गत विद्युत उप पारेषण एवं वितरण लाइन शामिल नहीं है। यह निर्देश 14 नवंबर से प्रभावशील हो चुके हैं।