भारतीय रेलवे ने अब वेटिंग टिकट क्लियर होने की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया है, जिससे अब सभी वेटिंग टिकट कन्फर्म नहीं हो पाएंगे। 1 जुलाई से लागू होने वाली इस नई व्यवस्था के तहत, रेलवे ने कन्फर्म टिकटों की उपलब्धता बढ़ाने के लिए वेटिंग टिकट जारी करने की सीमा तय कर दी है।
By: Star News
Jun 24, 202510 hours ago
भोपाल. स्टार समाचार वेब
भारतीय रेलवे ने अब वेटिंग टिकट क्लियर होने की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया है, जिससे अब सभी वेटिंग टिकट कन्फर्म नहीं हो पाएंगे। 1 जुलाई से लागू होने वाली इस नई व्यवस्था के तहत, रेलवे ने कन्फर्म टिकटों की उपलब्धता बढ़ाने के लिए वेटिंग टिकट जारी करने की सीमा तय कर दी है।
नई व्यवस्था के अनुसार, रेलवे अब कुल उपलब्ध सीटों के अतिरिक्त केवल 25 प्रतिशत वेटिंग टिकट ही जारी करेगा। यह नियम स्लीपर से लेकर एसी तक की सभी श्रेणियों के डिब्बों पर लागू होगा। मतलब यह है कि किसी भी स्टेशन के लिए सामान्य कोटे की संख्या से अधिकतम 25 % तक ही वेटिंग टिकट बुक किए जा सकेंगे। एक बार यह सीमा पूरी हो जाने के बाद, बुकिंग के समय ही कोटा फुल का मैसेज दिखाई देगा, जिसका अर्थ है कि और वेटिंग टिकट बुक नहीं किए जा सकते।
रेलवे कहना है कि इस नई व्यवस्था से यात्रियों को फायदा भी मिलेगा। उनका मानना है कि जब ट्रेन का फर्स्ट चार्ट बनेगा, तो करंट बुकिंग में सीट उपलब्ध होने पर यात्रियों को कन्फर्म टिकट मिलने की संभावना बढ़ जाएगी।
हालांकि, इस व्यवस्था से दिव्यांग यात्रियों, कैंसर सर्वाइवर, डिफेंस कर्मियों और पुलिसकर्मियों को वारंट तामीली के दौरान नियमों से छूट दी जाएगी। यह सुविधा मध्य प्रदेश सहित पूरे देश के यात्रियों को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से उपलब्ध होगी। यह बदलाव 1 जुलाई से लागू होगा और इसका उद्देश्य रेल यात्रा को अधिक सुव्यवस्थित और यात्रियों के लिए अधिक पूर्वानुमानित बनाना है।
यात्रियों की परेशानियों को देखते हुए वेटिंग टिकटों की सीमा तय की गई है। यह कदम यात्रियों को बेवजह वेटिंग टिकट बुक करने से रोकेगा, जिनकी कन्फर्म होने की संभावना बहुत कम होती है, जिससे भ्रम और परेशानी से बचा जा सके।
नवल अग्रवाल, जनसंपर्क अधिकारी
भोपाल रेल मंडल
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